लोकसभा चुनावों के नतीजों ने सबको हैरान कर दिया है। 400 पार का नारा देने वाली बीजेपी सरकार इस बार 298 सीटों पर है तो वही इंडिया गठबंधन ने 230 सीटों का आंकड़ा हासिल कर लिया है। कहा जाए तो सरकार बनाने के लिए बहुमत का आंकड़ा 272 का है। हालांकि बीजेपी ने बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया है। वहीं अगर तृणमूल के 31 सांसदों का साथ व नीतीश के 15 सांसद मिलें तो सियासी गणित में बदलाव हो सकते है और इंडिया गठबंधन की सरकार बन सकती है।
अगर ममता सरकार समर्थन देती तो
इंडिया गठबंधन बनने पर ममता बनर्जी इसकी बैठक में शामिल हुई थीं। हालांकि बंगाल में सीट शेयरिंग के मुद्दे पर तृणमूल और कांग्रेस के बीच सहमति नहीं बन पाई थी और दोनों ने अलग-अलग चुनाव लड़ने का फैसला किया। इसके बावजूद ममता बनर्जी ने कहा था कि वे इंडिया गठबंधन के साथ हैं। लिहाजा अगर सरकार बनाने की नौबत आती है, तो तृणमूल गठबंधन को समर्थन दे सकती है।
अगर नीतीश का समर्थन मिले
अगर इंडिया ब्लॉक नीतीश को अच्छी पोजिशन ऑफर करता है, तो उनकी वापसी हो सकती है। बता दें कि बिहार में भाजपा ने जनवरी 2024 में जदयू के साथ मिलकर सरकार बनाई थी। इससे पहले नीतीश राजद और कांग्रेस के गठबंधन की सरकार के मुखिया थे। नीतीश ने ही इंडिया ब्लॉक की पहली बैठक पटना में आयोजित की थी। नीतीश ने गठबंधन छोड़ा, तब भी लालू ने उनकी वापसी की संभावना जताई थी।
वायएसआर कांग्रेस
तेलंगाना के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी की बहन शर्मिला कांग्रेस में शामिल हो चुकी हैं। केंद्र में सरकार बनने की स्थिति में कांग्रेस उन्हें भाई को गठबंधन के साथ लाने की जिम्मेदारी सौंप सकती है। रेड्डी के पिता वायएस राजशेखर रेड्डी कांग्रेस के बड़े नेता रहे हैं। ऐसे में जगन मोहन को पुराने संबंधों का हवाला देकर इंडिया गठबंधन के साथ आने को राजी होते है तो सरकार बनाने की संभावना बन सकती है।