समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ गई हैं। रामपुर एमपी एमएलए कोर्ट ने उन्हें डूंगरपुर बस्ती में मारपीट, डकैती और आपराधिक षड्यंत्र के मामले में 10 साल की सजा सुनाई है। साथ ही उनपर 14 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। रामपुर की विशेष एमपी—एमएलए अदालत ने सपा नेता आजम खां को इस मामले में कल दोषी करार दिया था। गंज थाना क्षेत्र के डूंगरपुर बस्ती को खाली कराने के कई मुकदमे वर्ष 2019 में दर्ज हुए थे। इस मामले में ठेकेदार बरकत अली और आजम खां को आरोपी बनाया गया था। कुल 12 मुकदमे दर्ज हुए थे। धारा 392, 504, 506, 452, 120B के तहत केस दर्ज हुआ था।
दरअसल, समाजवादी पार्टी के शासन काल में डूंगरपुर में आसरा आवास का निर्माण कराया गया था। इस जगह पर पहले से कुछ लोगों के मकान बने हुए थे। आरोपों के मुताबिक इस जमीन को सरकारी बताकर मकानों को तोड़ दिया था। पीड़ितों ने लूटपाट का आरोप भी लगाया था। प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनने के बाद वर्ष 2019 में इस मामले में रामपुर के गंज थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई थी।
डूंगरपुर बस्ती के निवासी अबरार नामक व्यक्ति ने गंज थाने में मुकदमा दर्ज कराया था जिसमें आजम खान, सेवानिवृत्त पुलिस क्षेत्राधिकारी आले हसन और ठेकेदार बरकत अली पर घर में घुसकर लूटपाट और मारपीट करने का आरोप लगाया गया था। यह भी इल्जाम था कि जबरन घर खाली करवाकर उसे ध्वस्त करा दिया गया था। आजम खान विभिन्न मामलों में इस वक्त सीतापुर जेल में बंद हैं और वीडियो कॉन्फ्रेन्स के जरिये उनकी पेशी हुई थी। इस बीच आजम खान की पत्नी तंजीन फातिमा को बुधवार को रामपुर जिला जेल से रिहा कर दिया गया। उन्हें पिछले हफ्ते हाईकोर्ट से जमानत मिल गई थी।