यूं तो देश के अधिकतर हिस्से भीषण गर्मी (Extreme heat) की चपेट में हैं लेकिन राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली (National Capital Delhi) में भी गर्मी ने आफत मचा रखी है. यहां 27 मई को कुछ हिस्सों में अधिकतम तापमान 48 डिग्री सेल्सियस (Maximum temperature 48 degrees Celsius.) को पार कर गया और अगले कुछ दिनों तक लू की स्थिति से राहत मिलने की कोई संभावना नहीं है।
सीजन का सबसे गर्म दिन रहा सोमवार
दिल्ली के सफदरजंग वेधशाला, जिसे शहर का आधिकारिक मार्कर माना जाता है. वहां सीजन का दूसरा सबसे अधिक अधिकतम तापमान 45.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया, जो सामान्य से 4.7 डिग्री अधिक था, जबकि न्यूनतम तापमान 29.2 डिग्री सेल्सियस था. पूरी दिल्ली की बात की जाए तो रविवार को यहां अब तक का सबसे ज्यादा अधिकतम तापमान दर्ज किया गया और पारा 45.4 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, जो शहर में लू का पहला दिन था।
48.8 डिग्री पहुंचा तापमान
सोमवार को मुंगेशपुर मौसम केंद्र में अधिकतम तापमान 48.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से आठ डिग्री अधिक है. यहां न्यूनतम तापमान 27.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो मौसम के औसत से एक डिग्री अधिक है. दक्षिण पश्चिम दिल्ली के नजफगढ़ में अधिकतम तापमान 48.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से आठ डिग्री अधिक है, जबकि न्यूनतम तापमान 31.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो मौसम के औसत से पांच डिग्री अधिक है. वहीं, पालम में अधिकतम तापमान 46 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से पांच डिग्री अधिक है।
नजफगढ़ और मुंगेशपुर में इतनी गर्मी क्यों?
आईएमडी के क्षेत्रीय प्रमुख कुलदीप श्रीवास्तव ने कहा कि नजफगढ़ और मुंगेशपुर में इतना अधिक तापमान इसलिए हो रहा है क्योंकि ये शहर के बाहरी इलाके हैं. दूसरा कारण हवा की दिशा है. जब हवा पश्चिम से चलती है, तो ये उन क्षेत्रों को सबसे पहले प्रभावित करती है चूंकि वे बाहरी इलाके में हैं और यहां तापमान तेजी से बढ़ता है।
अभी जारी रहेगा गर्मी का सितम
श्रीवास्तव ने आगे कहा कि शहर में लू का प्रकोप अगले कुछ दिनों तक जारी रहेगा. मौसम विभाग के अनुसार, इस सप्ताह दिल्ली में अधिकतम तापमान 44 डिग्री सेल्सियस से 48 डिग्री सेल्सियस के बीच रहेगा. सोमवार से गुरुवार तक के लिए दिल्ली में गर्मी का रेड अलर्ट है. इसके बाद गर्मी से मामूली राहत मिल सकती है. हालांकि भीषण गर्मी के इस सीजन में असली राहत तो मॉनसून आने पर ही मिलती है।
दिल्ली में कब आएगा मॉनसून?
दक्षिण-पश्चिम मॉनसून आमतौर पर 1 जून के आसपास केरल में प्रवेश करता है. सामान्य तौर पर ये उछाल के साथ उत्तर की ओर बढ़ता है और 15 जुलाई के आसपास पूरे देश को कवर कर लेता है. इससे पहले 22 मई को मॉनसून अंडमान निकोबार में दस्तक देता है. हालांकि इस बार अंडमान में मॉनसून का आगमन सामान्य से 3 दिन पहले, 19 मई को हो गया है. इसके बाद मॉनसून सबसे पहले केरल में आता है और अनुमानतः इस बार 30 मई को वहां मॉनसून दस्तक देगा, उसके बाद ही मॉनसून की आगे की स्थिति मॉनिटर की जाती है. लेकिन दिल्ली में मॉनसून के दस्तक देने की सामान्य तारीख 25 से 30 जून के बीच है।