प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) लोकसभा चुनाव (Lok Sabha elections) से पहले मिशन साउथ (Mission South) पर जुट गए हैं. इसी क्रम में पीएम मोदी शुक्रवार यानी 19 जनवरी को तमिलनाडु का दौरा करेंगे. पीएम मोदी की राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा से पहले चार दिन में दक्षिण के तीसरे राज्य की यात्रा होगी. इससे पहले पीएम मोदी 16-17 जनवरी को आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) और केरल के दौरे (kerala tour) पर पहुंचे थे. नए साल की शुरुआत में ही पीएम मोदी का लगातार दक्षिण राज्यों का दौरा बीजेपी के ‘मिशन साउथ’ का हिस्सा बताया जा रहा है।
दरअसल, बीजेपी ने लोकसभा चुनाव में 400 सीटों का लक्ष्य रखा है. बीजेपी को इस लक्ष्य को पाने के लिए उत्तर के साथ साथ दक्षिण का किला भी भेदने की जरूरत है. ये वही राज्य हैं, जहां बीजेपी का प्रदर्शन अब तक अच्छा नहीं रहा है. यही वजह है कि पीएम मोदी ने साल की शुरुआत से ही दक्षिण के राज्यों का रुख कर रखा है. यहां न सिर्फ उन्होंने तमाम योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया, बल्कि प्रमुख मंदिरों में जाकर पूजा अर्चना भी की. 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी गठबंधन को इन 134 में से 31 सीटें मिली थीं. कांग्रेस ने 65 जबकि अन्य ने 36 सीटों पर जीत हासिल की थी।
जनवरी में पीएम मोदी के दक्षिण भारत के दौरे
2 जनवरी को पीएम मोदी तमिलनाडु दौरे पर गए थे.
3 जनवरी को वे लक्षद्वीप और केरल में थे
16 जनवरी को आंध्र प्रदेश दौरे पर पहुंचे.
17 जनवरी को केरल का दौरा किया.
19 जनवरी को पीएम तमिलनाडु का दौरा करेंगे।
केरल से अयोध्या का जोड़ा कनेक्शन
राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दक्षिण भारत के प्रमुख मंदिरों की यात्रा पर हैं. पीएम मोदी बधवार को केरल दौरे पर पहुंचे थे. यहां उन्होंने त्रिशूर में गुरुवायूर मंदिर में पूजा अर्चना की. इस मंदिर में भगवान कृष्ण की पूजा होती है. इसके बाद प्रधानमंत्री दक्षिण भारत के पारंपरिक कपड़े पहनकर त्रिशूर में ही त्रिप्रयार के रामास्वामी मंदिर पहुंचे और पूजा अर्चना की. पूजा पाठ के बाद पीएम मोदी ने 4000 करोड़ की योजनाओं का शुभारंभ किया और फिर रैली को संबोधित करते हुए अयोध्या के राम मंदिर और केरल के कनेक्शन का जिक्र किया।
पीएम मोदी ने इस दौरान कहा, ”अयोध्या में मंदिर बन रहा है. अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा समारोह से ठीक पहले त्रिप्रयार श्री रामास्वामी मंदिर में पूजा करने का सौभाग्य मिला है.” रामास्वामी मंदिर में भगवान राम की 6 फीट ऊंची मूर्ति है.खास बात ये है कि यहां भगवान राम चतुर्भुज रूप में दिखते हैं।
खास बात ये रही कि केरल के कोच्चि में कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी के मंच पर लगे पोस्टर में भगवान राम की तस्वीर थी और नेताओं ने उन्हें धनुष बाण दिया।
आंध्र का किया था दौरा
इससे पहले पीएम मोदी ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आंध्र प्रदेश के लेपाक्षी में वीरभद्र स्वामी मंदिर में पूजा अर्चना कर आशीर्वाद लिया था. इस दौरान पीएम मोदी ने तेलुगु में रंगनाथ रामायण के छंद सुने और आंध्र प्रदेश की पारंपरिक छाया कठपुतली कला जिसे थोलू बोम्मालता के नाम से जाना जाता है, के माध्यम से प्रस्तुत जटायु की कहानी देखी. पीएम मोदी ने ट्विटर पर लिखा, उन सभी लोगों के लिए जो प्रभु श्री राम के भक्त हैं, लेपाक्षी का बहुत महत्व है. आज मुझे वीरभद्र मंदिर में प्रार्थना करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है. मैंने प्रार्थना की कि भारत के लोग खुश रहें, स्वस्थ रहें और समृद्धि की नई ऊंचाइयों को छुएं. लेपाक्षी के वीरभद्र मंदिर में, रंगनाथ रामायण सुनी और रामायण पर कठपुतली शो भी देखा।
तमिलनाडु में भी मंदिरों में पूजा अर्चना करेंगे पीएम
पीएम मोदी शुक्रवार को चेन्नई पहुंचेंगे. यहां पीएम तमिलनाडु के प्रमुख मंदिरों में दर्शन और पूजा करेंगे. इसके बाद वह रामेश्वरम भी जाएंगे. पीएम मोदी शनिवार सुबह श्री रंगनाथस्वामी मंदिर तिरुचिरापल्ली में एक कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे. वे रामेश्वरम के श्री अरुलमिगु रामानाथसामी मंदिर में स्मरण और दर्शन करेंगे और दोपहर साढ़े तीन बजे विभिन्न भाषाओं में रमन पथ में हिस्सा लेंगे.पीएम मोदी शनिवार को श्री रामकृष्ण मठ में रुकेंगे. 21 जनवरी सुबह साढ़े नौ बजे अरिचल मुनई में दर्शन और पूजा करेंगे और सुबह साढ़े दस बजे कोतांडरम स्वामी मंदिर में दर्शन और पूजा करेंगे।
दक्षिण का किला मजबूत करने में जुटे पीएम मोदी
बीजेपी ने मिशन 400 को पूरा करने के लिए उत्तर के साथ साथ दक्षिण में भी काम शुरू कर दिया है. पीएम मोदी प्राण प्रतिष्ठा से ठीक पहले एक के बाद एक कर दक्षिण राज्यों का दौरा कर रहे हैं. दक्षिण में कर्नाटक को छोड़ दें तो किसी भी राज्य में बीजेपी मजबूत स्थिति में नहीं है. ऐसे में पीएम मोदी विकास योजनाओं के जरिये इन राज्यों में स्थिति को मजबूत करने में तो जुटे ही हैं, साथ साथ हिंदुत्व कार्ड को भी एजेंडे में रखा है. इन राज्यों की सियासत को अगर प्रधानमंत्री साध लेते हैं तो फिर 400 का आंकड़ा आसान हो जाएगा।
दक्षिण का किला मजबूत करने के लिए बीजेपी मजबूत साथियों को भी तलाश रही है. सियासी गलियारों में साल भर से इस बात की भी चर्चा है कि दक्षिण में विजय पताका फहराने के लिए मोदी तमिलनाडु की किसी सीट से चुनाव भी लड़ सकते हैं. हालांकि ये बात अभी भविष्य के गर्भ में है. लेकिन इतना तय है कि प्रधानमंत्री के एजेंडे में दक्षिण भारत फिलहाल सबसे ऊपर है. अब इसे संयोग कहिये या प्रयोग, अयोध्या में भगवान राम की जो नई मूर्ति स्थापित हो रही है उसके मूर्तिकार अरुण योगीराज हैं जो कर्नाटक के रहने वाले हैं।
मंदिर आंदोलन में दक्षिण की बड़ी भूमिका
मंदिर के उदघाटन से पहले मोदी भगवान राम से दक्षिण भारत के रिश्तों को उभार रहे हैं और इस बात को यहां याद रखना चाहिए कि 90 के दशक में मंदिर आंदोलन के दौरान दक्षिण भारत की बड़ी भूमिका रही है. हालांकि ये अलग बात है कि आंदोलन के दौरान दक्षिण भारत की सियासत में राम मंदिर बहुत बड़ा मुद्दा नहीं बन पाया. लेकिन अब जब मंदिर बन कर तैयार हो रहा है तो अतीत के पन्नों को पलटा जा रहा है. अब इसी रिश्ते को अयोध्या से जोड़कर उभारने की कोशिश हो रही है. ये कोशिश कितनी कामयाब होगी ये आने वाला वक्त बताएगा।