आज जम्मू कश्मीर, लद्दाख समेत देश ही नहीं पूरी दुनिया की निगाहें भारत के सुप्रीम कोर्ट की तरफ होंगी। देश की सबसे बड़ी अदालत अनुच्छेद 370 को लगभग खत्म कर देने वाले भारत सरकार के फैसले पर अपना निर्णय सुनाएगी जिसके बाद यह तय हो जाएगा कि क्या आर्टिकल 370 को दोबारा बहाल किया जा सकता है या नहीं। ऐसे में, कोर्ट के फैसले से पहले घाटी में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।
Supreme Court will give its decision today on section 370 : आज कश्मीर घाटी में सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह हाई अलर्ट पर है। इस दौरान किसी भी तरह के वीआईपी मूवमेंट तक की मनाही है। सूत्रों के अनुसर यह भी कहा गया है कि राष्ट्रीय राजमार्ग पर भी आज कोई वीआईपी मूवमेंट नहीं रहेगी। सीआरपीसी 144 के तहत सोशल मीडिया को लेकर साइबर पुलिस ने एक गाइडलाइन जारी की है और इस पर कड़ी निगाह रखी जा रही हैं ताकि किसी भी तरह के भड़काऊ पोस्ट पर समय रहते कार्रवाई की जा सके।
श्रीनगर जिले के सभी इलाको में जो भी डेप्यूटी मजिस्ट्रेट तैनात हैं, उनको सरकार की तरफ से खासी हिदायत दी गई है। हिदायत में यह है कि हर इलाके में एक अधिकारी को तैनात किया गया है जिससे कानून व्यवस्था को बनाया रखा जा सके। सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने वालों को को सलाह दी गई है कि वे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का जिम्मेदारी से उपयोग करें और अफवाहें, फर्जी खबरें, नफरत फैलाने वाले भाषण शेयर न करें। साथ ही ऐसी कोई भी मैसेज मिलने पर दूसरों के साथ साझा करने के बजाय तुरंत साइबर पुलिस कश्मीर को सूचित करें।
सुप्रीम कोर्ट जम्मू-कश्मीर से संविधान के अनुच्छेद 370 को हटाने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर आज सुबह साढ़े दस बजे अपना फैसला सुनाएगी। कोर्ट यह तय करेगी कि जम्मू और कश्मीर की स्वायत्तता छीनने वाले केंद्र सरकार के पांच अगस्त, 2019 को संसद में पारित कराए इस फैसले की संवैधानिक वैधता क्या है, इसको स्पष्ट किया जाएगा। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के नेतृत्व में पांच जजों की संविधान पीठ इस मामले पर अपना अहम फैसला सुनाएगी। पीठ के अन्य जजों में जस्टिस संजय किशन कौल, संजीव खन्ना, बीआर गवई और सूर्यकांत शामिल हैं। सर्वोच्च अदालत में 16 दिन की सुनवाई के बाद 5 सितंबर को बहस पूरी हुई थी और कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।