राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की सख्ती से जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) में आतंकी फंडिंग (terrorist funding) के कई स्रोत पर नकेल कसने में मदद मिली है। इसके बावजूद आतंकी गुटों द्वारा क्रिप्टो करेंसी, बिटकॉइन (crypto currency, bitcoin) के इस्तेमाल और ड्रोन से हथियार व पैसा भेजने सहित कई अन्य नए तरीकों से फंडिंग करने से मल्टी एजेंसी ऑपरेशन की चुनौती बढ़ गई है।
एनआईए से जुड़े सूत्रों का कहना है कि नई तकनीक और फंडिंग के नए स्रोतों के मद्देनजर साइबर एक्सपर्ट की भी मदद ली जा रही है। ईडी, सीबीआई, राज्य जांच एजेंसी और कई अन्य कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ मिलकर नेटवर्क तोड़ने का प्रयास हो रहा है। सूत्रों ने कहा कि आतंकी मददगारों का पूरा ढांचा ध्वस्त करने का अभियान लगातार चल रहा है लेकिन लश्कर और जैश के आतंकी नए तरीकों और तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं। एक तरफ मिठाई के डिब्बों और ड्रोन से पैसा भेजने का प्रयास पकड़ में आया वहीं ई-मनी को पकड़ना चुनौतीपूर्ण है। इंटरनेट के आंतरिक अलग-अलग स्त्रोत का इस्तेमाल आतंकी गुट वित्तीय लेनदेन के लिए कर रहे हैं।
नए तरीकों को भेदने पर नजरः एक अधिकारी ने कहा, जम्मू-कश्मीर में जो ओवरग्राउंड वर्कर होते थे उन पर एनआईए ने बड़ी संख्या में केस रजिस्टर किए और उनके स्लीपर सेल को ध्वस्त करने में बहुत बड़ा काम किया। हालांकि अब ज्यादा फोकस नए तकनीकी तरीकों को भेदने पर है।
आईएसआई मदद कर रहीः सूत्रों ने कहा कि एनआईए ने पहली बार 2018 और 2019 में जो केस रजिस्टर किए उनके कारण आतंकवादियों को पैसा मुहैया कराना आसान नहीं रहा। लिहाजा आतंकी गुट लश्कर और जैश लगातार अपनी रणनीति बदल रहे हैं। लॉजिस्टिक और हथियारों की सप्लाई दोनों पर कठोर आघात के बावजूद आईएसआई की मदद से नया ढांचा तैयार करने की मुहिम चल रही है।
राष्ट्रीय डाटाबेस बनाने का काम हो रहाः एनआईए मादक पदार्थ, हवाला ट्रांजेक्शन, हथियारों की तस्करी, जाली मुद्राएं, बम धमाके, टेरर फंडिंग और टेररिज्म जैसे सात क्षेत्रों में राष्ट्रीय डाटाबेस बनाने का काम भी लगातार कर रही है। सरकार का मानना है कि अगर जम्मू-कश्मीर में आतंकी फंडिंग के पूरे नेटवर्क और इनकी रणनीति पर काबू पा लिया जाए तो घाटी में आतंकवाद का बड़ा हिस्सा समाप्त हो जाएगा।
500 से अधिक संपत्तियां जब्त
कुछ दिन पहले एजेंसियों द्वारा विभिन्न जिलों में आतंकियों, उनके समर्थकों से संबंधित सैकड़ों करोड़ की 500 से अधिक संपत्तियों को जब्त किया गया। इसके अलावा पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर में रहने वाले लगभग 4200 आतंकियों को भारत सरकार द्वारा घोषित अपराधियों की श्रेणी में सूचीबद्ध किया गया और उनकी संपत्तियों को कुर्क किया जा रहा है।
आतंकी फंडिंग से जुड़े 105 मामले पंजीकृत
एनआईए द्वारा वर्ष 2022 तक आतंकी फंडिंग संबंधित 105 मामले पंजीकृत हुए और 876 आरोपियों के खिलाफ 94 चार्जशीट दाखिल की गईं। 796 आरोपियों को गिफ्तार किया गया और उसमें 100 आरोपियों को दोषी भी ठहराया गया। एनआईए का ऐसे मामलों में दोष सिद्धि का ट्रैक रिकॉर्ड सुधरकर 93 फीसदी से ज्यादा तक हो चुका है।
एनआईए सबसे ताकतवर एजेंसी
एनआईए को काफी अधिकार संपन्न बनाया गया है। यह देश की सबसे ताकतवर जांच एजेंसी है और जांच के लिए दुनिया के किसी भी कोने में जा सकती है। एनआईए आतंकवाद, देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने, परमाणु ठिकानों से जुड़े अपराधों के मामलों को देखती है। यह देश के किसी भी हिस्से में आतंकी गतिविधि का खुद संज्ञान लेकर केस दर्ज कर सकती है। इसे किसी भी राज्य में जाने, जांच करने और आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए राज्य सरकार की अनुमति की आवश्यकता नहीं होती।