भारतीय सेना के त्रिशक्ति कोर के जवानों ने बीआरओ की सहायता से चुंगथांग में तीस्ता नदी पर बेली ब्रिज पूरा किया। इसके पूरा होने से अंततः उत्तरी सिक्किम के बाढ़ प्रभावित क्षेत्र राज्य के बाकी हिस्सों से जुड़ गए। उल्लेखनीय है कि तीन अक्तूबर की रात को आए भयंकर बाढ़ के बाद ये हिस्से कट गए थे। पुल अब इन बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में वाहनों की निर्बाध आवाजाही और राहत सामग्री के प्रावधान का मार्ग प्रशस्त करेगा।
रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल महेंद्र रावत ने गुवाहाटी में बताया कि 200 फीट का बेली ब्रिज अपने आप में एक इंजीनियरिंग चमत्कार है क्योंकि यह सबसे लंबा और सबसे भारी सिंगल स्पैन बेली ब्रिज है। चौबीसों घंटे काम करते हुए, बीआरओ ने शुरुआत में कंक्रीट के ढांचे का निर्माण किया। इसके बाद बाद त्रिशक्ति सैपर्स द्वारा पुल का निर्माण किया गया। इसमें लगभग पांच दिन लगे।
पुल का उद्घाटन सिक्किम सरकार के सड़क और पुल मंत्री समदुप लेप्चा ने भारतीय सेना, बीआरओ और नागरिक प्रशासन के अधिकारियों की उपस्थिति में किया। उन्होंने बताया इस ब्रिजिंग ऑपरेशन के लिए त्रिशक्ति कोर और बीआरओ के इंजीनियर सैनिकों के साथ-साथ कई भारी अर्थ मूविंग प्लांटों को नियोजित किया गया था। भारतीय सेना ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि वह राष्ट्र निर्माण के लिए प्रतिबद्ध है और जरूरत की घड़ी में हमेशा देश के लोगों के साथ मजबूती से खड़ी रहती है।