पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है, जहां एक युवक के अंतिम संस्कार में उस वक्त हड़कंप मच गया, जब चिता से पैसे उड़ने लगे. आनन-फानन में लोगों ने आग बुझाया और फिर परिजनों ने पैसे निकाल लिए. जिस व्यक्ति की मौत हुई थी, वो एक वैन चालक था. चालक अपने बचाये हुए पैसों को तकिये में रखता था. इस बीच उसकी अचानक मौत हो गई. उसकी मौत के बाद परिजनों ने शव के साथ तकिये को भी चिता पर रख दिया.
इस दौरान जब तकिया जलने लगा तो उसमें से अधजले रुपये गिरने लगे. इसके बाद आनन-फानन में परिजन तकिये को चिता से बाहर निकाला और नोटों को जलने से बचा लिया. भारत-बांग्लादेश सीमा के पास बशीरहाट के घोजाडांगा इलाके के निवासी निमाई सरदार का पिछले रविवार को निधन हो गया. उसका कोई बेटा-बेटी नहीं है. इसलिए अंतिम संस्कार करने के लिए भतीजे पंचानन सरदार को बुलाया गया. मृत निमाई के शव को श्मशान ले जाकर भतीजे ने मुखाग्नि दी.
दाह संस्कार के दौरान मृतक के ताबूत और तकिये को चिता पर रखा जाता है. जब गद्दा और तकिया आग में जल गया तो परिवार के लोगों को 500 रुपये के कई नोट दिखे. तभी तकिये के भीतर एक बैग नजर आता है. बैग को तुरंत आग से बचा लिया गया. बैग खोलने पर उसमें से 500 रुपए के नोटों की गड्डी निकली. उस पैसे को किसी भी बैंक में जाकर बदला नहीं जा सकता था. बाद में मृतक निमाई के भतीजे पंचानन को हाबरा में एक व्यक्ति मिला. यह जानने के बाद कि उस व्यक्ति ने जले हुए पैसे बदल दिए हैं, पंचानन अपने चाचा के पैसे लेकर हाबरा आ गया.
पंचानन ने खोकोन घोष नाम के व्यक्ति की तलाश की. खोकोन ने जले हुए 16 हजार टका के नोट के बदले पंचानन को 7 हजार 150 टका थमा दिये. भतीजे ने बताया कि चाचा वैन चलाते थे, लेकिन हममें से किसी को नहीं पता था कि उन्होंने इतने पैसे जमा कर लिए हैं. मैं बैंक जाकर पैसे बदल नहीं सका. आख़िरकार हाबरा आकर उस पैसे को बदलना संभव हो सका.