महाराष्ट्र में मराठा आंदोलन (Maratha movement) की आग सुलग रही है। इसी बीच मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Chief Minister Eknath Shinde) ने कहा कि मराठा आंदोलन भटक रहा है। इसलिए मराठा आरक्षण के लिए भूख हड़ताल कर रहे मनोज जारांगे पाटिल को इस पर ध्यान देना चाहिए। मराठा आंदोलकों की ओर से हो रही हिंसक घटनाओं के पीछे कौन हैं, आत्महत्याएं क्यों हो रही हैं, मनोज जारांगे को इस बारे में सोचना चाहिए। सीएम शिंदे ने कहा कि राज्य सरकार मराठा आरक्षण देने के लिए हर संभव काम कर रही है, इसलिए सरकार को थोड़ा वक्त देना चाहिए।
दूसरी ओर मराठा आरक्षण आंदोलन की आग ठंडी करने के लिए एकनाथ शिंदे सरकार ने अपने प्रयास तेज कर दिए हैं। इसी के तहत राज्य सरकार ने 7 लाख मराठाओं को कुनबी जाति के सर्टिफिकेट के योग्य पाया है। मंगलवार को हुई कैबिनेट मीटिंग जस्टिस शिंदे कमेटी की रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया।
इस रिपोर्ट में बताया गया है कि 13,498 दस्तावेज ऐसे मिले हैं, जिनसे निजाम के दौर में मराठाओं को कुनबी जाति में शुमार करने की पुष्टि होती है। इससे पहले राज्य सरकार ने 11 हजार सर्टिफिकेट ही जारी करने की बात कही थी, जिससे मराठा आंदोलनकारी और भड़क गए थे। अब माना जा रहा है कि आंदोलनकारियों को सरकार राजी कर सकती है।
इस बीच एकनाथ शिंदे सरकार ने सर्वदलीय मीटिंग भी बुला ली है। मराठा आंदोलन का नेतृत्व कर रहे मनोज जारांगे पाटिल ने मंगलवार को सीएम एकनाथ शिंदे से फोन पर बात करने के बाद पानी जरूर पी लिया। इससे माना जा रहा है कि मराठा आंदोलनकारियों ने अपना रुख थोड़ा नरम कर लिया है, हालांकि पाटिल का कहना है कि वह आंदोलन तब तक खत्म नहीं करेंगे, जब तक पूरे मराठा समुदाय को ओबीसी आरक्षण नहीं मिल जाता। उन्होंने कहा कि मराठाओं में कुछ ही लोगों को कुनबी जाति का सर्टिफिकेट देने की योजना है, जो गलत है। पूरे मराठा समाज को ही कुनबी का सर्टिफिकेट मिलना चाहिए ताकि वे ओबीसी आरक्षण के हकदार बन सकें।
इस बीच सीएम एकनाथ शिंदे उद्धव ठाकरे की सरकार पर ठीकरा फोड़ा है। उन्होंने मंगलवार को कहा कि देवेंद्र फडणवीस जब सीएम थे, तब मराठा आरक्षण को मंजूरी मिली थी। इसके बाद बारी उद्धव ठाकरे सरकार की थी, जो इस कोटे का बचाव नहीं कर सकी। उन्होंने कहा कि वास्तव में उद्धव सरकार ही मराठा आरक्षण को खत्म करने की जिम्मेदार है। इस बीच पाटिल ने चेतावनी भी दी है कि यदि बुधवार तक सभी को मराठा आरक्षण देने का फैसला नहीं लिया गया तो वह दोबारा से पानी पीना भी बंद कर देंगे।
छगन भुजबल की ओर से विरोध की चर्चा, क्या बोले शिंदे के मंत्री
मराठा आरक्षण की मांग के बीच सरकार में ही दोफाड़ की भी चर्चाएं हैं। कहा जा रहा है कि खाद्य आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल ने कैबिनेट मीटिंग में मराठाओं को कुनबी जाति का सर्टिफिकेट दिए जाने पर आपत्ति जताई थी। लेकिन इस बारे में पूछे जाने पर भुजबल ने इससे इनकार किया। उन्होंने कहा कि ऐसी बातें गलत है। शिंदे कमेटी ने तमाम दस्तावेजों की जांच की है और उसके बाद एक निर्णय दिया है। इसलिए ऐसे किसी प्रस्ताव के विरोध का तो सवाल ही नहीं उठता।