उत्तर-पश्चिम बंगाल के ऊपर निम्न दबाव का क्षेत्र बना है। इसके प्रभाव से मंगलवार को ओडिशा, पश्चिम बंगाल के गंगा तट के इलाकों और झारखंड समेत पूर्वी मध्य हिस्सों और पूर्वोत्तर भारत में जमकर बारिश हुई। अगले दो दिन इसके उत्तरी ओडिशा और दक्षिणी झारखंड की तरफ पश्चिम-उत्तर पश्चिम दिशा की ओर बढ़ने की संभावना है। इसके प्रभाव से ओडिशा के साथ ही झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश और पूर्वोत्तर भारत के लगभग सभी राज्यों में अगले तीन दिन भारी बारिश होने की संभावना है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) की ओर से जारी रेड अलर्ट के मुताबिक ही गुजरात के सौराष्ट्र और कच्छ इलाकों में मंगलवार को मूसलाधार बारिश हुई। जूनागढ़ के विसावदार तालुका में सबसे अधिक 302 मिमी वर्षा दर्ज की गई। राज्य आपदा संचालन केंद्र के आंकड़ों के मुताबिक, गुजरात में अब तक 870 मिमी या औसत सलाना बरसात का 99.27 फीसदी बारिश हो चुकी है। आईएमडी के मुताबिक, दक्षिण-पश्चिम राजस्थान के ऊपर चक्रवात की स्थिति बनी हुई है, इसके प्रभाव में गुजरात के निकटवर्ती क्षेत्रों में अगले 24 घंटे के दौरान भारी बारिश होने की संभावना है।
आईएमडी के मुताबिक, ओडिशा के तट के पास बने निम्न दबाव के प्रभाव से बुधवार को ओडिशा, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, झारखंड, यूपी, बिहार, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, केरल और पूर्वोत्तर के राज्यों में भारी बारिश होने की संभावना है। वहीं, बृहस्पतिवार और शुक्रवार को भी उत्तर प्रदेश, बिहार, पूर्वी और पश्चिमी मध्य प्रदेश समेत पूर्वी भारत और पूर्वोत्तर के सभी राज्यों में भारी और कहीं-कहीं बहुत भारी बारिश हो सकती है।
सितंबर में भारी मानसूनी बारिश
दक्षिण-पश्चिम मानसून अब चार महीने के अपने चक्र के आखिरी चरण में पहुंच गया है। आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि सितंबर के शेष दिनों में भारी मानसूनी बारिश होगी, जो अगस्त में कम वर्षा की कमी को भी पूरा कर देगी। उन्होंने कहा कि तीन और चार सितंबर के बाद देश के ज्यादातर हिस्सों में जमकर मानसून बारिश हो रही है। उन्होंने सितंबर में मानसूनी बारिश के सामान्य या सामान्य से अधिक रहने की उम्मीद जताई।
मानसून की वापसी के अभी संकेत नहीं
महापात्र ने कहा कि वर्तमान मौसम की स्थिति से संकेत मिलता है कि अगले कुछ दिनों में मानसून की वापसी की संभावना नहीं है। उन्होंने कहा, देश के कई हिस्सों में नए परिसंचरण और निम्न दबाव के क्षेत्र बन रहे हैं, इसलिए इस स्तर पर मानसून की वापसी के कोई लक्षण नहीं नजर आ रहे। मानसून की वापसी में देरी होगी। आमतौर पर 17 सितंबर के बाद मौसम की वापसी होने लगती है।
गुजरात में 9,600 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) ने गुजरात में भारी बारिश के बाद विभिन्न स्थानों पर फंसे लोगों को बचाया। टीम ने पांच जिलों के करीब 9,600 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया और 207 अन्य को बचाया गया। वहीं, अहमदाबाद में रविवार शाम छह बजे तक 12 घंटे की अवधि में 76 मिमी बारिश दर्ज की गई जिससे शहर के कई इलाकों में जल जमाव की स्थिति उत्पन्न हो गई। अधिकारियों ने एहतियात के तौर पर यातायात के लिए अंडरपास को बंद कर दिया। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने पंचमहल, दाहोद, खेड़ा, अरावली, महिसागर, बनासकांठा और साबरकांठा जिलों में मंगलवार सुबह तक अत्यधिक बारिश देखने को मिली।
हिमाचल में हिमपात
हिमाचल प्रदेश में मूसलाधार बारिश से दुश्वारियों का दौरा जारी है। प्रदेश की ऊपरी चोटियों पर बर्फबारी के दौर के बीच धर्मशाला में धौलाधार की पहाड़ियों पर सीजन का पहला हिमपात हुआ है। खराब मौसम के चलते पांच घंटों के लिए मणिमहेश यात्रा रोकनी पड़ी। ऊना में चलती गाड़ी पर पहाड़ी से मलबा आ गिरा, जिससे उसमें आग लग गई। गनीमत यह रही कि चालक समय रहते निकल गया। उधर, कांगड़ा जिले में इंद्रुनाग पैराग्लाइडिंग साइट पर खराब मौसम के कारण लगातार दूसरे दिन भी साहसिक गतिविधियां नहीं हो पाईं।