लैंड फॉर जॉब मामले में CBI को गृह मंत्रालय ने लालू यादव के खिलाफ केस चलाने की अनुमति दे दी है। सीबीआई ने यह जानकारी राउज एवेन्यू कोर्ट को दी। सीबीआई ने इस मामले में 3 जुलाई को सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की थी। इस चार्जशीट में पहली बार तेजस्वी यादव का नाम आया था। सीबीआई ने लालू यादव, राबड़ी देवी समेत इस मामले में 16 लोगों को आरोपी बनाया है। इनमें रेलवे के आरोपी अधिकारियों और नौकरी लेने वालों के नाम भी शामिल हैं।
लैंड फॉर जॉब स्कैम का यह केस 14 साल पुराना है। उस वक्त लालू यादव रेल मंत्री थे। दावा है कि लालू यादव ने रेल मंत्री रहते हुए रेलवे में लोगों को नौकरी देने के बदले उनकी जमीन लिखवा ली थी। बताते चलें कि लालू यादव 2004 से 2009 तक रेल मंत्री रहे थे। सीबीआई ने इस मामले में 18 मई को केस दर्ज किया था। सीबीआई के मुताबिक, लोगों को पहले रेलवे में ग्रुप डी के पदों पर सब्स्टीट्यूट के तौर पर भर्ती किया गया और जब उनके परिवार ने जमीन का सौदा किया, तब उन्हें रेगुलर कर दिया गया। सीबीआई का कहना है कि पटना में लालू यादव के परिवार ने 1.05 लाख वर्ग फीट जमीन पर कथित तौर पर कब्जा कर रखा है। इन जमीनों का सौदा नकद में हुआ था। यानी, लालू परिवार ने नकद देकर इन जमीनों को खरीदा था। सीबीआई के मुताबिक, ये जमीनें बेहद कम दामों में बेच दी गई थीं।
रेलवे में नौकरी के बदले रिश्वत में जमीन लेने के आरोपों के मामले में सीबीआई जांच कर रही है। वहीं, मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में ईडी जांच कर रही है। सीबीआई ने इस मामले में चार्जशीट भी दाखिल कर दी। इस मामले में लालू यादव के करीबी व पूर्व विधायक भोला यादव और हृदयानंद चौधरी भी अभियुक्त हैं। आरजेडी नेता लालू यादव के ओएसडी रहे भोला यादव को सीबीआई ने 27 जुलाई को गिरफ्तार किया था। भोला 2004 से 2009 के बीच तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव के ओएसडी थे।