मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि जनपद हरिद्वार में जिन-जिन क्षेत्रों में भी विगत दिनों में भारी वर्षा से जलभराव हुआ है या बाढ़ आयी है, को आपदा क्षेत्र घोषित किया जायेगा।
आपदाग्रस्त क्षेत्रों में आगामी तीन माह तक विद्युत, जल, अन्य सरकारी देय एवं ऋणों की वसूली को स्थगित रखा जायेगा।
आपदाग्रस्त क्षेत्रों में सघनता से तीव्रता से व्यापक सर्वेक्षण कराकर मानकानुसार तत्काल राहत राशि का वितरण सुनिश्चित कराया जायेगा।
भविष्य में इस प्रकार की आपदा की पुनरावृत्ति रोकने एवं बचाव के लिए बाढ़ प्रबन्धन योजना पर कार्य किया जायेगा। जिसमें जल निकासी की व्यापक योजना तैयार कर कार्य कराना जाना एवं आवश्यकतानुसार छोटे पुलियों का निर्माण कराया जाना सम्मिलित है।
भविष्य में बाढ़ के खतरे को कम करने के लिए नदियों के चौनेलाईज कराने का कार्य कराये जाने के कदम उठाये जायेंगे।
आपदाग्रस्त क्षेत्रों में आवश्यकतानुसार स्थायी बाढ़ राहत केन्द्रों का निर्माण कराया जायेगा।