गुजरात हाईकोर्ट ने सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ की नियमित जमानत याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने सामाजिक कार्यकर्ता को तुरंत कोर्ट ने सरेंडर करने के लिए कहा है। तीस्ता पर आरोप है कि उन्होंने गुजरात दंगा मामले में कोर्ट द्वारा पीएम मोदी को क्लीनचिट मिलने के बावजूद भी उनके खिलाफ गलत तरीके से सबूत एकत्रित किया था। इस मामले में पुलिस ने उनके खिलाफ केस दर्ज कर उन्हें 25 जून 2022 को गिरफ्तार भी किया था। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने पुलिस को बदनाम करने की साजिश के तहत यह सब प्रपंच रचा था।
बता दें, गुजरात पुलिस के अरेस्ट करने के बाद कई महीने तक तीस्ता सीतलवाड़ को जेल में रहना पड़ा था। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने तीस्ता सीतलवाड़ को अंतरिम जमानत दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने तीस्ता सीलतवाड़ को सितंबर, 2022 में जमानत दी थी। इसके बाद वह जेल से बाहर आ पाई थीं। गुजरात हाई कोर्ट में निर्जर देसाई ने तीस्ता की जमानत याचिका पर सुनवाई की और तीस्ता की मांग को खारिज कर दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गुजरात दंगों में क्लीन चिट मिलने के बाद गुजरात पुलिस की अहमदाबाद डीसीबी ने गलत सबूत गढ़ने के आरोप में एफआईआर दर्ज कराई थी। तीस्ता के अलावा इस मामले में उनके साथ सस्पेंड किए गए आईपीएस संजीव भट्ट और राज्य के पूर्व डीजीपी आरबी श्रीकुमार भी हैं। इस मामले में यह दोनों भी सह आरोपी हैं।