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ओडिशा ट्रेन हादसा: खुद का खून देकर घायलों की जान बचाने सैकड़ों युवा, अस्पतालों में लगीं लाइनें

ओडिशा के बालासोर जिले में विनाशकारी ट्रेन त्रासदी के घायल पीडि़तों के लिए सैकड़ों स्थानीय युवा अस्पतालों में रक्तदान करने के लिए कतार में खड़े हैं। शुक्रवार शाम को हुई दुर्घटना की खबर फैलते ही युवा रक्तदान करने के लिए बालासोर जिला मुख्यालय अस्पताल और भद्रक में रात भर लाइन में लगे रहे। नवीनतम जानकारी के अनुसार, बहनागा स्टेशन के पास हुए भीषण ट्रेन हादसे में 260 से अधिक लोगों के मारे जाने और 900 से अधिक के घायल होने की पुष्टि हुई है। दुर्घटना में कोरोमंडल एक्सप्रेस और एसएमवीटी-हावड़ा सुपर फास्ट एक्सप्रेस के 17 डिब्बे पटरी से उतर गए।

कतार में खड़े एक युवक ने कहा, हम (लगभग 25 स्वयंसेवक) स्वेच्छा से रक्तदान करने के लिए यहां बालासोर अस्पताल आए हैं। अगर हमारा खून किसी की जान बचा सकता है, तो इससे बढक़र कोई और खुशी नहीं हो सकती। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने बालासोर अस्पताल का दौरा किया और घायल यात्रियों से बातचीत की। उन्होंने इतने लोगों की जान बचाने के लिए स्थानीय लोगों और प्रशासन को धन्यवाद दिया। पटनायक ने मीडियाकर्मियों से कहा, मैं बेहद इस ट्रेन दुर्घटना से बहुत दु:खी हूं। मैं स्थानीय लोगों और स्थानीय टीम को धन्यवाद देना चाहता हूं, जिन्होंने लोगों को मलबे से बचाने के लिए रात भर काम किया। ओडिशा के मुख्य सचिव प्रदीप कुमार जेना ने ऐसे दु:खद समय में रक्तदान के लिए युवा स्वयंसेवकों को धन्यवाद दिया।

जेना एक ट्वीट में कहा, यहां बालासोर में रात भर में 500 यूनिट रक्त एकत्र किया गया। वर्तमान में 900 यूनिट स्टॉक में है। इससे दुर्घटना पीडि़तों के इलाज में मदद मिलेगी। मैं उन सभी स्वयंसेवकों का व्यक्तिगत रूप से ऋणी और आभारी हूं, जिन्होंने एक नेक काम के लिए रक्तदान किया है।