15 लाख के इनामी भाकपा माओवादी नक्सली कमांडर इंदल गंझू ने गुरुवार को सरेंडर कर दिया। रांची में झारखंड के जोनल आईजी ऑफिस में आयोजित कार्यक्रम में उसने सरेंडर किया। इस मोस्ट वांटेड नक्सली पर बिहार-झारखंड के चतरा, पलामू, हजारीबाग, गया और औरंगाबाद जिले के विभिन्न थानों में 145 मामले दर्ज हैं। इंदल गंझू मूल रूप से बिहार के गया जिला के इमामगंज थाना क्षेत्र के असरैन गांव का रहने वाला है। वर्तमान में भाकपा माओवादी संगठन में उसका ओहदा रीजनल कमांडर था और झारखंड सरकार ने उसपर 15 लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा था। झारखंड पुलिस का दावा है कि पुलिस द्वारा नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे चौतरफा अभियान के दबाव में उसने आत्मसमर्पण किया है।
इंदल के आत्मसमर्पण के मौके पर पुलिस के आईजी अभियान एवी होमकर, रांची जोनल आईजी पंकज कंबोज, सीआरपीएफ के अधिकारी, हजारीबाग डीआईजी नरेंद्र सिंह और चतरा एसपी राकेश रंजन उपस्थित थे। पुलिस ने नक्सली इंदल के खिलाफ दर्ज मामलों की फेहरिस्त भी जारी की है। इसके अनुसार, उसके खिलाफ झारखंड के चतरा जिला में 48, पलामू जिले में 01, हजारीबाग जिले में 05 और गया जिले में 54 मामले दर्ज हैं। इसके अलावा बिहार के विभिन्न नक्सली वारदातों में वह मोस्ट वांटेड था।
गौरतलब है कि चतरा जिला के लावालौंग थाना क्षेत्र में तीन अप्रैल को पुलिस की टीम ने पांच इनामी नक्सलियों को मार गिराया था। मारे गये नक्सलियों में 25 लाख के दो इनामी नक्सली गौतम पासवान और चार्लीस उरांव शामिल थे। दोनों ही स्पेशल एरिया कमेटी के सदस्य (सैक) थे। इनके अलावा पांच लाख के तीन इनामी नक्सली नंदू, अमर गंझू और संजीत उर्फ सुजीत गुड़िया भी शामिल थे। यह तीनों ही सब जोनल कमांडर थे। इन घटना के बाद पुलिस की दबिश से परेशान और साथियों के मारे जाने के बाद इंदल पटना भाग गया था। वहीं से वो खुफिया एजेंसियों के संपर्क में आया था। इसके बाद झारखंड पुलिस के समक्ष उसने सरेंडर करने की बात कही थी।