रिपोर्ट- गौरव सिंघल,विशेष संवाददाता,दैनिक संवाद, सहारनपुर मंडल,उप्र:।।
सहारनपुर (दैनिक संवाद न्यूज)।
मोक्षायतन अंतर्राष्ट्रीय योग संस्थान सहारनपुर की स्थापना के पचास बरस पूरे होने पर आयोजित स्वर्ण जयंती समारोह में गांधी पार्क स्थित जनमंच सभागार में देश व विदेश की अनेक नामचीन हस्तियां जुटी। समारोह में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसाबले को संस्थान के सर्वोच्च सम्मान भारत योग स्वास्थ्यश्री से नवाजा गया । जबकि मोदी सरकार के वाणिज्य मंत्रालय में जापान प्लस प्रमुख रहे मारुति सुजुकी के डायरेक्टर केनिचिरो तोयोफुकू को अंतर्राष्ट्रीय योगदूत सम्मान और प्रख्यात पत्रकार सुमित अवस्थी को सर्वोत्तम सम्मान श्रृंखला का स्वस्थ पत्रकारिता सम्मान प्रदान किया।
इससे पहले सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसाबले, मारुति सुजुकी के डायरेक्टर केनिचिरो तायो फुकु, सुमित अवस्थी योग गुरु पदमश्री स्वामी भारत भूषण के आवास पर पहुंचे और उन्हें जन्मदिवस की बधाई देते हुए योग संस्कृति और संस्कारों को गहराने के लिए संग मिलकर चलने का संकल्प जताया। खचाखच भरे गंगाप्रसाद महेश्वरी जनमंच सभागार में मोक्षायतन संस्थान की पचास वर्षों की यात्रा को ऑडियो विजुअल के माध्यम से चंद मिनटों में ऐसा दिखाया कि लोग मंत्रमुग्ध होकर रह गए। अपने प्रभावशाली संबोधन में सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसाबले ने भारत की दिनोदिन उभरती शक्ति का उल्लेख करते हुए कहा की अंतर यह है कि भारत की शक्ति दूसरों को दबाने डराने धमकाने के लिए नहीं बल्कि सबको साथ लेकर चलने और वसुधैव कुटुंबकम के आधार पर सबका कल्याण सोचने और करने के लिए है। हमारी संस्कृति में ऊंच-नीच नहीं बल्कि संगच्छध्वम है जिसे आज योग के माध्यम से समझकर दुनिया भारत के करीब आने में गौरव महसूस कर रही है।
योग विद्या को देश से दुनिया तक पहुंचाने में मोक्षायतन योग संस्थान और योग गुरु पदमश्री स्वामी भारत भूषण की योगदान की सराहना करते हुए उन्होंने मोक्षायतन के विभिन्न प्रकल्पो जीवित रक्त बैंक, नेशन बिल्डर्स अकैडमी, भारत कॉलेज आफ परफॉर्मिंग आर्ट्स और राष्ट्र वंदना प्रकल्प की सराहना करते हुए कहा कि यह योग का व्यवहारिक रूप है। उन्होंने सृष्टि के आरंभ से देशों द्वारा दिए गए मूल भारतीय योग की ओर दुनिया के आकर्षण का भी जिक्र किया और कहा कि यम और नियम जैसे जीवन मूल्य के बिना योग सिर्फ एक्सरसाइज बनकर न रह जाए। उन्होंने कहा कि आज यौगिक क्रियाओं को दूसरे देश वैज्ञानिक कसौटी ऊपर आंक रहे हैं और गर्व की बात है कि भारत में चरण स्पर्श जैसा सामाजिक शिष्टाचार भी योग संस्कार की गहरी शिक्षाओं से ओत-प्रोत हैं।
होसाबले ने भाव-विभोर होकर कहा कि आज मुझे दो नई जिम्मेदारियां मिली हैं गुरुजी द्वारा मेरे सिर पर बंधी पगड़ी का मान और स्वास्थ्य श्री उपाधि के अनुरूप अपने कायिक मानसिक स्वास्थ्य को और समुन्नत रखना। वाणिज्य मंत्रालय में जापान प्लस प्रमुख रहे केनिचिरो तोयो फुकू ने अपने संबोधन में गर्व के साथ कहा कि आज भारत जापान मैत्री का आधार मेरी 20 साल पहले की योग यात्रा है जिसमें मैंने आचार्य प्रतिष्ठा से योग के रहस्य को समझते हुए वसुधैव कुटुंबकम सीखा इसी रिश्ते ने हमारी भारत के साथ मजबूती को बढ़ाया। प्रख्यात पत्रकार सुमित अवस्थी ने इस बात पर चिंता प्रकट की की योग को आधा अधूरा सीखने में संस्कारों से दूर जाने का खतरा है। उन्होंने कहा कि हम और आप तो अभी माता-पिता के चरण छूने में गर्व अनुभव करते हैं लेकिन धीरे-धीरे यह संस्कृति भी लुप्त हो रही है।
जिसे भारत योग जैसे अभियान ही संभाल सकते हैं। स्वर्ण जयंती समारोह में मोक्ष आयतन योग संस्थान द्वारा दिए गए अंतरराष्ट्रीय योग गीत पर संस्थान के राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर के योग साधकों ने मनोहारी प्रस्तुतियां दी और संस्था द्वारा बेरीबाग में संचालित नेशन बिल्डर्स अकैडमी के इंग्लिश मीडियम बच्चों द्वारा संस्कृत और अंग्रेजी में योग सूत्रों की प्रस्तुति संस्कृत प्रार्थना ने सभी को देर तक तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया। दत्तात्रेय होसाबोले, केनिचिरो तोयो फोकू, उद्योग राज्य मंत्री जसवंत सिंह सैनी और सुमित अवस्थी ने संस्था की पत्रिका सिंहावलोकन का विमोचन किया और संस्था की ओर से डॉक्टर अनुराग मणि, सुभाष चौधरी धीरज सारस्वत ने अतिथियों को योग साहित्य भेंट किया। संस्थान की 50 वर्ष की यात्रा में उल्लेखनीय भूमिका रखने वाले डा अजय सिंह समेत 21 वरिष्ठ योग साधकों को दत्तात्रेय होसाबले और योग गुरु स्वामी भारत भूषण ने पुरस्कृत किया।
अपने धन्यवाद संबोधन में योग गुरु पदमश्री स्वामी भारत भूषण ने बताया की स्वर्ण जयंती के बाद संस्था का 51 वर्ष योग संस्कार दीक्षा अभियान के रूप में जन जागरण के प्रति समर्पित होगा। जिसमें नई पीढ़ी को मूल भारतीय संस्कारों से जोड़कर स्वाभिमान और सकारात्मकता के द्वारा मजबूत बनाने का कार्य किया जाएगा। जिसमें सीनियर सिटीजन सोसाइटी, धर्मगुरु और मीडिया सहित हर नागरिक के योगदान की बहुत बड़ी भूमिका होगी। कार्यक्रम का आरंभ राष्ट्रगान साधना दीप प्रज्वलन के साथ और समापन भी राष्ट्रगान व सहभोज के साथ हुआ।