रिपोर्ट- गौरव सिंघल,विशेष संवाददाता,दैनिक संवाद, सहारनपुर मंडल,उप्र:।।
सहारनपुर (दैनिक संवाद न्यूज)। गलत मतदान या फिर मतदान न करना, दोनों ही स्थिति में हमें बरसों पछताना पड़ता है। प्रजातंत्र में सोच समझ कर बिना किसी भय, भ्रम, दबाव या लालच के जाति या वर्गवाद से ऊपर उठकर सही मतदान करना हमारी देश के प्रति बड़ी जिम्मेदारी है। इस प्रकार किया गया मतदान देश की दिशा और दशा बदल सकता है और हमारे समाज को भी टूटन से बचा सकता है। योग गुरु पद्मश्री स्वामी भारत भूषण ने मोक्षायतन संस्थान की पहल पर आश्रम के युवाओं, नगर के प्रबुद्ध नागरिकों, खासकर विद्यार्थियों और महिलाओं से वार्ता करते हुए आग्रह किया कि वो यह जान कर मतदान करें कि हमारा बटन दबाना कोई मनोरंजन या किसी का अहसान उतारने का जरिया नहीं बल्कि नगर प्रदेश और देश की दिशा तय करने की शक्ति है।
हमें निष्पक्ष होकर प्रत्याशियों की शिक्षा, सोच, देश व समाज हित में उसकी सक्रियता व योगदान, उसकी अभिव्यक्ति की ताकत, दूरदर्शिता और स्वयं सोचने समझने की क्षमता को विचार कर बटन दबाना चाहिए। उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग मतदान के दिन की छुट्टी भी सैर-सपाटे के लिए नहीं बल्कि बड़ी राष्ट्रीय जिम्मेदारी निभाने के लिए करता है। मतदान में की गई लापरवाही का खमियाजा पूरे नगर व देश को बरसों बरस भुगतना पड़ता है। योग गुरु स्वामी भारत भूषण ने चिंतनशील जिम्मेदार नागरिकों को मुखर होने का आवाहन करते हुए कहा कि निर्वाचन में मुंह व कलम से कम और मतदान करके अधिक मुखर हुआ जा सकता है।
वर्तमान परिस्थिति की सबसे बड़ी मांग है कि हम राष्ट्रीयता के जीवन मूल्यों की रक्षा के लिए आगे आएं क्योंकि दुनिया में बुराइयां इसलिए अधिक नहीं होती कि बुरे लोग अधिक हैं बल्कि इसलिए कि अच्छे लोग समय पर चुप रह जाते हैं। उन्होंने धर्म को भी बारीकी से परिभाषित करते हुए कहा कि धर्म, पंथ और जाति सब अलग अलग हैं। यदि राजनीति धर्मनिष्ठ हो जाए तो सब समस्याएं ही समाप्त हो जाए क्योंकि धर्म आध्यात्मिकता यानी रुहांनियत का रास्ता है। उन्होंने धर्म व जातिगत भावनाएं भड़काकर लोगों को राजनीतिक स्वर्गपूर्ति का मोहरा बनाने वाले राजनैतिक अखाड़े बाजों से सजग रहने की बात भी कही। उन्होंने कहा कि जागृत मतदाता ही यह जान सकता है कि न तो वह भीड़ है और न ही आंख मूंद कर पीछे चलने वाली भेड़! उसे तो बस जिम्मेदार नागरिक होने के नाते स्वयं सोच समझकर मतदान करना है और जरूर करना है। साधक संघ सचिव एन के शर्मा और विजय सुखीजा द्वारा संचालित इस गोष्ठी में डा अशोक गुप्ता, ललित वर्मा, सुभाष चंद, सुनील कुमार शर्मा, सीमा गुप्ता, अनिता शर्मा आदि ने भी अपने विचार रखे।