जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) में सफेद सोना कहे जाने वाले लिथियम का अकूत भंडार (vast reserves of lithium) मिलने का दावा किया गया है। अब इसके बाद आतंकी संगठनों की भी नजरें (eyes of terrorist organizations) लिथियम के भंडार पर टिकी हुई हैं। एक आतंकी संगठन ने सोमवार को धमकी भरा पत्र जारी किया। आतंकी संगठन एंटी फासिस्ट फ्रंट (anti fascist front) की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि किसी भी हालात में जम्मू-कश्मीर के संसाधनों का ‘दोहन’ और ‘चोरी’ नहीं होने दी जाएगी। आतंकी संगठन ने कहा, ये संसाधन जम्मू-कश्मीर के लोगों के हैं और उन्हीं के हित में इस्तेमाल होने चाहिए।
आतंकी संगठन ने कंपनियों को धमकी देते हुए कहा कि जो भी कंपनी जम्मू-कश्मीर में खनन का काम करेगी उसपर हमला होगा। बता दें कि केंद्रीय मंत्रालय ने गुरुवार को बताया था कि जम्मू-कश्मीर में 5.0 मिलियन टन लिथियम का भंडार मिला है। यह रियासी जिले के सलाल गांव में पाया गया है। यह गांव माता वैष्णो देवी की पहाड़ियों के पास ही स्थित है।
पिछले साल कर्नाटक के मारलागल्ला में भी 1600 टन लिथियम का भंडार पाया गया था। लिथियम ऐसा खनिज है जो कि इलेक्ट्रिक वीइकल, स्मार्टफोन और रीचार्जेबल बैट्री में इस्तेमाल होता है। इसकी मांग लगातार बढ़ रही है लेकिन भारत इसके लिए 100 प्रतिशत आयात पर ही निर्भर है। आत्मनिर्भर भारत और इलेक्ट्रिक वीइकल की दिशा में लिथियम का यह भंडार काफी कारगर साबित हो सकता है। इससे सरकार की बड़ी बचत भी हो सकती है। हालांकि लिथियम की रिफाइनिंग की प्रक्रिया आसान नहीं होती है।
जानकारों का कहना है कि अभी कुछ साल तक भारत लिथियम के मामले में आयात पर ही निर्भर रहेगा। जब रिफाइनिंग भारत में शुरू हो जाएगी तब देश में पाए गए भंडार का इस्तेमाल हो पाएगा।