आज यानी 1 फरवरी को देश का आम बजट पेश किया गया. वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने पांचवीं बार बजट पेश किया. वित्तमंत्री ने अपने बजट में कई अहम घोषणाएं कीं. बजट में आयकर की सीमा को 5 लाख से बढ़ाकर 7 लाख कर दिया गया. वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण देश की पहली पूर्णकालिक महिला वित्तमंत्री हैं. इसके पहले इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) ने प्रधानमंत्री के साथ वित्तमंत्री का पद संभाला था. निर्मला सीतारमण से लेकर भारत के अन्य वित्तमंत्रियों के नाम कई रिकॉर्ड दर्ज हैं.
आइए बजट से जुड़े ऐसे ही 10 रोचक तथ्यों को जानते हैं…
- वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण देश की पहली पूर्णकालिक महिला वित्तमंत्री हैं. साथ ही निर्मला सीतारमण केंद्रीय बजट पेश करने वाली देश की दूसरी महिला हैं. इसके पहले इंदिरा गांधी ने प्रधानमंत्री रहते हुए यह मंत्रालय भी संभाला था.
- वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के नाम सबसे लंबी बजट स्पीच देने का रिकॉर्ड दर्ज है. उन्होंने 2020 में 2 घंटे, 41 मिनट तक भाषण दिया था जो अब तक का सबसे लंबा बजट भाषण है.
- सबसे लंबा बजट भाषण देने की लिस्ट में पहला और दूसरा स्थान वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण का ही है. उन्होंने जहां 2022 में 2 घंटे, 41 मिनट का स्पीच दी थी. जबकि इसके पहले 2019 में 2 घंटे, 17 मिनट तक स्पीच दी थी. 2019 के पहले सबसे लंबा बजट भाषण पूर्व वित्तमंत्री जसवंत सिंह के नाम दर्ज था. जिन्होंने 2003 में 2 घंटे, 13 मिनट का बजट भाषण दिया था.
- निर्मला सीतारमण के नाम सबसे छोटा बजट भाषण 2022 में रहा. तब उन्होंने केवल 1 घंटा, 30 मिनट तक यानी 90 मिनट तक भाषण दिया था.
- 2 घंटे से ज्यादा भाषण देने वाले वित्तमंत्रियों की लिस्ट में निर्मला सीतारमण, जसवंत सिंह के अलावा वित्त मंत्री अरुण जेटली का नाम भी शामिल है. अरुण जेटली ने 2014 में बतौर वित्त मंत्री 2 घंटे, 10 मिनट का लंबा भाषण दिया था.
- दिलचस्प बात ये है कि सबसे ज्यादा शब्दों के बजट का भाषण डॉक्टर मनमोहन सिंह के नाम दर्ज है. 1991 में मनमोहन सिंह ने 18,650 शब्दों का बजट भाषण पढ़ा था. जो अब तक का सर्वाधिक शब्दों वाला भाषण है.
- अब तक सबसे ज्यादा बार बजट मोरारजी देसाई ने पेश किया है. मोरारजी देसाई ने कुल 10 बार बजट पेश किए हैं. उसके बाद 9 बार पी चिदंबरम ने बजट पेश किए हैं.
- आजाद भारत का पहला बजट 26 नवंबर 1947 को तत्कालीन वित्त मंत्री आरके शनमुख चेट्टी ने पेश किया था.
- 2017 में पहली बार रेल बजट को आम बजट में मिलाया गया था. तब वित्तमंत्री अरुण जेटली थे. इसके पहले रेल बजट अलग से पेश हुआ करता था.
- केसी नियोगी देश के पहले ऐसे वित्त मंत्री रहे जिन्होंने कोई बजट नहीं पेश किया. केसी नियोगी 1948 में मात्र 35 दिनों के लिए वित्तमंत्री रहे. उसके बाद जॉन मथाई देश के तीसरे वित्तमंत्री बने थे.