आर्थिक संकट (Economic Crisis) से जूझ रहा पाकिस्तान (Pakistan) एक तरफ जहां अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है. वहीं, उसे अंतरराष्ट्रीय (international) स्तर पर जलील भी होना पड़ा है. मंगलवार का दिन पाकिस्तान के लिए उस समय काफी स्याह रहा, जब संयुक्त राष्ट्र (United Nations) ने पाकिस्तान से जुड़े एक, दो या तीन नहीं बल्कि कुल 150 आतंकियों (terrorists) और आंतकी संगठनों (terrorist organizations) को ब्लैकलिस्ट (blacklist) कर दिया. यूएन ने पाकिस्तान से जुड़े जिन आतंकियों को ब्लैकलिस्ट किया है, उनमें मुंबई हमलों का मास्टरमाइंड हाफिज सईद, जैश-ए-मोहम्मद का संस्थापक मसूद अजहर और 1993 बम धमाकों का आरोपी अंडरवर्ल्ड डॉन दाउद इब्राहिम भी है.
इससे पहले संयुक्त राष्ट्र पाकिस्तान के मोस्ट वॉन्टेड आतंकी अब्दुल रहमान मक्की को ग्लोबल टेररिस्ट सूची में शामिल कर चुका है. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 आईएसआईएल (दाएश) और अलकायदा प्रतिबंध समिति ने सोमवार को मक्की को घोषित आतंकवादियों की सूची में शामिल किया था. इस सूची में मक्की के शामिल होते ही उसकी संपत्तियां फ्रीज हो गईं और उसकी यात्रा पर प्रतिबंध लगा दिया गया.
इन 150 आतंकी संगठनों के तार पाकिस्तान से जुड़े
यूएन की वैश्विक आतंकी सूची के मुताबिक, यूएन ने ऐसे लगभग 150 आतंकी संगठनों और आतंकियों को ब्लैकलिस्ट किया है, जिनके तार या तो पाकिस्तान से जुड़े हैं या फिर जो पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमावर्ती इलाकों से ऑपरेट हो रहे हैं.
यूएन ने पाकिस्तान के जिन संगठनों या आतंकियों को ब्लैकलिस्ट किया है. उनमें पाकिस्तान के आतंकी समूह लश्कर-ए-तैयबा प्रमुख और मुंबई आतंकी हमलों का मास्टरमाइंड हाफिज सईद, लश्कर का शीर्ष कमांडर और 26/11 मुंबई हमलों का मुख्य साजिशकर्ता जकी-उर-रहमान लखवी, जैश-ए-मोहम्मद का संस्थापक मसूद अजहर और अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम शामिल है.
पिछले साल भारत ने यूएन की काउंटर टेररिज्म कमिटी को संबोधित करते हुए साफतौर पर कहा था कि आतंकवाद का केंद्र बन चुका पाकिस्तान आतंकी सगठनों को पालने-पोसने में लगा है.
यूएन में भारत के स्थाई मिशन के काउंसिलर राजेश परिहार ने कहा कि दुनिया ने 2008 मुंबई हमलों, 2016 पठानकोट हमले और 2019 के पुलवामा आतंकी हमले की भयावहता देखी है. हम सभी को पता है कि ये आतंकी कहां से हमले करते हैं.
उन्होंने पाकिस्तान का हवाला देते हुए कहा कि यह काफी खेदपूर्ण है कि इन हमलों के पीड़ितों को अभी तक न्याय नहीं मिल पाया है. इन हमलों की साजिश रचने वाले और इन्हें अंजाम देने वाले अभी तक खुले घूम रहे हैं और उन्हें हरसंभव मदद मिल रही है.
यूएन में नरम पड़ा चीन
पिछले साल आतंकवाद के खिलाफ भारत और अमेरिका के प्रयासों पर चीन ने पानी फेर दिया था. मक्की को वैश्विक आतंकी घोषित कराने के लिए भारत और अमेरिका संयुक्त प्रस्ताव लेकर आए थे. लेकिन चीन ने उस पर वीटो लगा दिया. अपने इस फैसले के सात महीने के भीतर ही चीन के रुख में बदलाव देखने को मिला है.
आतंक का पर्याय बन चुके अपने जिगरी दोस्त को हमेशा बचाने की जुगत में लगा चीन अब आतंकवाद का राग अलाप रहा है. चीन ने अपने फैसले का बचाव करते हुए कहा है कि आतंकियों को सूचीबद्ध करना वैश्विक स्तर पर आतंकवाद से निपटने के कदम के अनुकूल है. चीन ने आतंकवाद से निपटने के पाकिस्तान के प्रयासों की भी सराहना की.
भारत ने यूएन के फैसले का किया था स्वागत
इससे पहले भारत ने अब्दुल रहमान मक्की (Abdul Rehman Makki) को वैश्विक आतंकी लिस्ट में शामिल करने के संयुक्त राष्ट्र के कदम का स्वागत किया था.
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा था कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 आईएसआईएल (दाएश) और अलकायदा प्रतिबंध समिति ने सोमवार को मक्की को घोषित आतंकवादियों की सूची में शामिल किया, जिसका हम स्वागत करते हैं.
बता दें कि जमात-उद-दावा प्रमुख और मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड हाफीज सईद के साले मक्की (68) को यूएन ने सोमवार को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित कर दिया था.