अमूमन ट्रेन में किन्नरों (transgender) को देखकर लोग मुंह फेर लेते हैं. लोगों को लगता है कि कहीं वे उनके साथ बदसलूकी न करने लगें. मगर, सोमवार को किन्नरों ने एक ट्रेन में जो किया, उसकी चर्चा हर कोई कर रहा है. लेबर पेन से चीख रही महिला के लिए किन्नर भगवान बनकर आए और ममता की मिशाल पेश की है.
घटना बिहार के जमुई है. दरअसल, हालवड़ा-पटना (Halvada-Patna) जनशताब्दी एक्सप्रेस ट्रेन से शेखपुरा जिले की रहने वाली गर्भवती महिला अपने पति के साथ हावड़ा से लखीसराय जा रही थी. जैसे ही ट्रेन जसीडीह रेलवे स्टेशन से चली, महिला को लेबर पेन होने लगा.
गर्भवती महिला (pregnant woman) दर्द से कराहने लगी. पत्नी की हालत बिगड़ती देखा, पति ने कोच में मौजूद अन्य महिलाओं से मदद मांगी. मगर, कोच में मौजूद महिलाएं प्रसव पीड़ा से कराहती महिला (moaning woman) की मदद के लिए आगे नहीं बढ़ीं. कोई भी उसकी मदद के लिए आगे नहीं आया. इधर, पीड़ा के कारण महिला की हालत बिगड़ती जा रही थी.
किन्नरों की टोली ने कराई डिलीवरी
जिस कोच में गर्भवती महिला दर्द से चीख रही थी, उसी कोच में कुछ समय बाद किन्नरों की टोली पैसे मांगने के लिए पहुंची. तब तक ट्रेन सिमुलतला रेलवे स्टेशन तक आ चुकी थी. जैसे ही किन्नरों की नजर महिला पर पड़ी, तो उन्हें माजरा समझते देर न लगी.
सभी किन्नरों ने तुरंत ही महिला को उठाया और ट्रेन के वॉशरूम में ले गईं, थोड़ी ही देर बाद महिला की डिलीवरी हो गई. महिला को बेटा हुआ था. बच्चे को सही-सलामत देखकर किन्नरों और ट्रेन में मौजूद अन्य लोगों की आंखों में खुशी के आंसू आ गए.
आर्थिक मदद की पेशकश भी की
डिलीवरी के बाद महिला और बच्चा दोनों की ठीक हालत में थे. किन्नरों ने बच्चे के अपना आर्शीवाद दिया और महिला के पति को आर्थिक मदद की पेशकश भी की. कुछ समय बाद झाझा रेलवे स्टेशन पर सभी किन्नर उतर गए. मगर, उनकी मदद की चर्चा इन दो स्टेशनों से आगे निकलकर अब देशभर में फैल रही है.