भेलसर(अयोध्या)भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश सचिव दिनेश कुमार दुबे ने उपजिलाधिकारी रुदौली के माध्यम से जिलाधिकारी को ज्ञापन दिया है। ज्ञापन के माध्यम से आरोप लगाते हुए कहा गया है कि रौजागांव चीनी मिल के महाप्रबंधक द्वारा किसानों का उत्पीड़न किया जा रहा है।किसान गन्ना मिल में लेकर जाता है तो गेट पर हरे बंधन व सूखा गन्ना में जड़ बताकर वापस कर दिया जाता है।27 दिसंबर से 30 दिसंबर तक सैकड़ो किसानों का गन्ना वापस कर दिया गया।किसान साहब बक्श,हृदय राम,राम मूरत,लाल बहादुर,राम इंद्र यादव उक्त किसान दरियाबाद,रुदौली,बीकापुर विधानसभा के हैं।किसानों ने अपने विधायक/मंत्री सतीश शर्मा,राम चन्द्र यादव,अमित सिंह को अवगत कराया।
उसके बाद भी किसानों को गन्ना नहीं तौला गया। श्री दुबे का आरोप है कि जब मिल पहुंचकर सीजीएम से बात करना चाहा तो मिल के कर्मचारी मिलने नहीं दिए।कहा कि किसानों से वार्ता के बाद किसानों ने बताया मिल के व समिति के कर्मचारी व अधिकारी हायल पर्चियां एक महीने बाद दिए हैं कुछ किसानों ने कहा कि 21 नवंबर को जो पर्ची हायल हुई वह पर्ची 26 दिसंबर को निकली। हम लोग सूखा गन्ना लाएंगे तो मेरा ही नुकसान होगा।मेरे हरे गन्ने को सूखा गन्ना बताकर वापस किया जाता है।श्री दुबे ने बताया कि जिला गन्ना अधिकारी,उप गन्ना आयुक्त,डीएम अयोध्या से बात की तो उक्त अधिकारियों ने पहले आश्वासन गन्ना तोलने का दिया उसके बाद किसानों का बिना गन्ना देखें बिना स्थल पर आए लैब में बिना जांच कराएं हरे गन्ने को सूखा गन्ना बता रहे हैं।
उक्त किसान इस गन्ने को लेकर कहां जाए।मजबूर होकर किसान विधानसभा लखनऊ गन्ना लेकर जाने को तैयार है।गन्ना आयुक्त विधानसभा में ही अब लैब लगाकर चेक करेंगे।गन्ना किसान कहता है जले गन्ने की जांच लैब में होती है। उसके बाद पेमेंट होता है यह गन्ना सूखा है तो उसकी जांच लैब में करा कर उस हिसाब से पेमेंट कर दिया जाए उसके बाद भी मिल के तानाशाह अधिकारी किसानों की बात सुनने को तैयार नहीं है।गन्ना विभाग जिला प्रशासन मिल के दबाव में किसानों की सही आवाज को दबाना चाहता है।हायल पर्चियां एक महीने बाद दी गई कुछ किसानों को पेड़ी गन्ने की एक भी पर्ची नहीं दी गई। पेड़ी गन्ना काटकर किसान गेहूं बोना चाहता था किसान गेहूं बोने से वंचित हो रहा है।कैलेंडर में आठवें पखवाड़े तक पेड़ी की पर्चियां लगा दी गई है। पेड़ी गन्ने की 8वा पखवारा फरवरी से मार्च तक चलेगा जब मिल बंद होने को होगी तब तक चलेगा जबकि 31 दिसंबर से आटम गन्ने की खरीद,जनवरी फरवरी से पौधे गन्ने की खरीद होती है नियम कानून की धज्जियां मिल वा गन्ना विभाग उड़ा रहा है।श्री दुबे ने जिला प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा यदि 24 घंटे में किसानों की समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो किसान अपना गन्ना लेकर मिल पर या लखनऊ विधानसभा पर प्रदर्शन करने को मजबूर होगा।जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी मिल व जिला प्रशासन की होगी।उपजिलाधिकारी स्वप्निल यादव ने बताया कि जाँच कराके कार्यवाही की जायेगी।वहीं मिल प्रशासन ने अरोपों को सिरे से खारिज कर दिया।