समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गुरुवार को भाजपा पर ओबीसी समुदायों के साथ सौतेला व्यवहार करने और ओबीसी विरोधी मानसिकता के साथ काम करने का आरोप लगाया। पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि शहरी स्थानीय निकायों के चुनावों में ओबीसी आरक्षण का मुद्दा कमजोर वर्गों को सत्ता के गलियारों में प्रवेश करने से रोकने का एक और प्रयास है। उन्होंने कहा, यह कमजोर वर्गों के अधिकारों को छीनने का प्रयास है। अभी यह ओबीसी के लिए कर रहे हैं, अगली बारी दलितों की है। भाजपा इन वर्गों को गुलाम बनाए रखना चाहती है और यह सुनिश्चित करेगी कि आने वाली पीढ़ियां गुलामी में फंसी रहें।
उन्होंने आगे कहा कि बीजेपी ओबीसी और दलितों का वोट चाहती है, लेकिन उन्हें निर्णय लेने की प्रक्रिया में भाग लेने का मौका नहीं देना चाहती।
सपा प्रमुख ने आरक्षण के मुद्दे पर क्रांति की जरूरत बताते हुए कहा कि जरूरत पड़ी तो उनकी पार्टी इस मुद्दे को सुप्रीम कोर्ट में लड़ेगी।
उन्होंने मामले पर बहस के लिए राज्य विधानमंडल का सत्र बुलाने को कहा।
उन्होंने कहा, सरकार वास्तव में नगरपालिका चुनाव कराने से भाग रही है, क्योंकि वह जानती है कि उसे लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ेगा।