चीन (China) में कोरोना वायरस (Corona virus) के मामलों में हुई बढ़ोतरी ने दुनियाभर को टेंशन (worldwide tension) दे दी है। भारत सरकार (Indian government) भी कोविड-19 (COVID-19) के खिलाफ लोगों को सतर्क करते हुए कई तरह की तैयारियां कर रही है। अब एम्स, दिल्ली के पूर्व प्रमुख डॉ. रणदीप गुलेरिया (Dr. Randeep Guleria) ने कहा है कि लोगों को जनवरी के तीसरे हफ्ते तक सावधान रहने की जरूरत है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि बहुत पैनिक वाली स्थिति अभी नहीं है, लेकिन छुट्टियों के चलते कोरोना मामलों के बढ़ने की आशंका है।
डॉ. गुलेरिया ने एक इंटरव्यू में कहा, ”अगले कुछ दिन छुट्टी वाले हैं और लोग एक जगह से दूसरी जगह जाएंगे। जब वे यात्रा करेंगे तो अपने साथ इंफेक्शन लाएंगे। यदि कोई दूसरे देश जाता है तो वहां वाला वैरिएंट देश में आ सकता है। यात्रा की वजह से देश में कोरोना के मामले बढ़ सकते हैं। जनवरी के तीसरे हफ्ते तक काफी सावधान रहना होगा। कोरोना मामले में बढ़ोतरी हो सकती है।”
‘पहले से बेहतर स्थिति में’
एम्स के पूर्व चीफ रणदीप गुलेरिया ने कहा, ”दो साल पहले जिस हम स्थिति में थे, आज वहां से बहुत बेहतर स्थिति में हैं। पहले हमें वायरस के बारे में कुछ नहीं पता था, जबकि आज काफी अधिक जानकारी है। वैक्सीनेशन और नैचुरल इम्युनिटी की वजह से चीजें अब बेहतर हैं। बूस्टर डोज को लेकर उन्होंने कहा कि इसे लेना जरूरी है। इससे लोगों को इम्युनिटी मिलती है। बुजुर्गों को जरूर बूस्टर डोज लेनी चाहिए। इससे बीमारी के गंभीर होने से बचते हैं। यह हो सकता है कि आपको कोविड हो, लेकिन आईसीयू में जाने या फिर गंभीर होने से बूस्टर डोज बचाती है।
वैक्सीन की चौथी डोज पर भी बोले गुलेरिया
चौथे डोज पर रणदीप गुलेरिया ने कहा कि अभी इसको लेकर डेटा साफ नहीं है। हमें और डेटा की जरूरत होगी। यह देखना होगा कि बूस्टर डोज नए वैरिएंट के खिलाफ कितना काम करेगी। दो से लेकर 12 साल के बच्चों की वैक्सीन पर डॉ. गुलेरिया ने कहा कि बच्चों को कोरोना वायरस का हल्का लक्ष्ण होता है। वहीं, जब प्रेग्नेंट महिला वैक्सीन लेती है तो उसके बच्चे को भी वैक्सीन की थोड़ी प्रोटेक्शन मिलती है। नए साल के जश्न पर गुलेरिया ने कहा कि यदि आप बाहर जाएं तो मास्क पहनें और कोविड बिहेयिवर को फॉलो करें। हालात पैनिक वाले नहीं हैं, लेकिन सुरक्षित रहते हुए नया साल मनाएं।
जनवरी में कोविड के मामले तेजी से बढ़ सकते हैं: सूत्र
अगले 40 दिन महत्वपूर्ण हैं क्योंकि भारत में कोविड-19 के मामले जनवरी में तेजी से बढ़ सकते हैं। आधिकारिक सूत्रों ने महामारी के प्रसार के पिछले ट्रेंड का हवाला देते हुए बुधवार को यह कहा। एक अधिकारी ने कहा, ”विगत में, यह पाया गया था कि पूर्वी एशिया के कोविड-19 की चपेट में आने के 30-35 दिन बाद भारत में महामारी की एक नयी लहर आई थी… यह एक प्रवृत्ति रही है।” स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों ने हालांकि कहा कि संक्रमण की गंभीरता कम है। यदि कोविड की नई लहर आती भी है तो इससे होने वाली मौतें और संक्रमितों के अस्पताल में भर्ती होने की दर बहुत कम रहेगी। सूत्रों ने बताया कि पिछले दो दिनों में, भारत आए 6,000 अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की कोविड-19 जांच की गई, जिनमें 39 की रिपोर्ट ‘पॉजिटिव’ आई है।