यूपी स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) एसटीएफ की एक टीम ने एक वांछित अपराधी को गिरफ्तार किया है। आरोपी उस गिरोह का सदस्य था, जिसने बीमा पॉलिसी के एवज में बोनस देने का वादा कर लोगों से करोड़ों रुपये की ठगी की थी। गाजियाबाद के विमल कुमार गुप्ता के रूप में पहचाने जाने वाले आरोपी को दिल्ली के मोती नगर से गिरफ्तार किया गया।
एडिशनल एसपी एसटीएफ, विशाल विक्रम सिंह ने कहा कि आरोपी और उसके अन्य सहयोगियों ने पीड़ितों को फंसाने के लिए खुद को आईआरडीए, आरबीआई, एलआईसी और जीबीआईसी के अधिकारियों के रूप में पेश किया।
सिंह ने कहा, “29 अप्रैल को एक टीम ने गिरोह के नौ बदमाशों को पकड़ा था जो इस अपराध में शामिल थे। वारदात में विमल का नाम सामने आया था लेकिन वह तब फरार हो गया था। टीम फरार बदमाशों का पता लगा रही थी और उन्हें सूचना मिली थी कि विमल पीड़ितों को फंसाने के लिए दिल्ली में एक कार्यालय से कॉल सेंटर चला रहा है। एक टीम को दिल्ली भेजा गया और बदमाश को गिरफ्तार कर लिया गया।”
सिंह ने कहा कि विमल ने 2009 में एक निजी कंपनी में टेलीकॉलर के रूप में अपना करियर शुरू किया और 2021 तक विभिन्न कंपनियों में उपाध्यक्ष और अध्यक्ष के पद तक पहुंचे। फिर वह एक देवेंद्र सिंह से मिला, जिसे एसटीएफ ने अप्रैल 2022 में गिरफ्तार किया था और उसके साथ 40 फीसदी कमीशन पर काम किया।
अपने कबूलनामे में विमल ने कहा कि, “उसने अपने करियर के शुरूआती दिनों में कंपनियों में काम करते हुए ग्राहकों का डेटा एकत्र किया और बाद में ग्राहकों को लूटने के लिए इस डेटा बैंक का इस्तेमाल किया। यह गिरोह ग्राहकों को कॉल करता था और उन्हें बोनस देने का झांसा देकर फंसाता था, या बंद पॉलिसियों और ऐसे अन्य सौदों का दावा करता था और उसी के लिए पैसे वसूलता था। गिरोह का भंडाफोड़ तब हुआ जब उन्होंने शिकायत दर्ज कराने वाली कृष्णा नगर की आशा मिश्रा नाम की एक महिला से ठगी की।”