पश्चिम बंगाल (West Bengal) के नदिया जिले (Nadia District) के एक व्यक्ति (person) के गले में 150 साल पुराना त्रिशूल (trishul) घुस गया. घायल इलाज के लिए कोलकाता (Kolkata) के एक अस्पताल (hospital) में आया. जानकारी के मुताबिक कल्याणी के रहने वाले भास्कर राम ने सर्जरी के लिए करीब 65 किमी का सफर तय किया.
दरअसल, रविवार रात आपसी विवाद में एक व्यक्ति ने भास्कर राम के गले में त्रिशूल घोंप दिया. यह देखकर पीड़िता की बहन बेहोश हो गई. लेकिन भास्कर राम ने कम से कम 65 किलोमीटर का सफर तय किया और वह कल्यानी से कोलकाता के एनआरएस मेडिकल कॉलेज पहुंचा. जब उसे डॉक्टरों ने देखा तो उनके भी होश उड़ गए. क्योंकि भास्कर के गले में वह त्रिशूल अटका हुआ था.
अस्पताल सूत्रों के अनुसार मरीज रविवार रात करीब तीन बजे एनआरएस अस्पताल के आपातकालीन विभाग में आया था. इस दौरान उसके गले में त्रिशूल फंसा हुआ था. डॉक्टरों ने जांच की और पाया कि त्रिशूल लगभग 30 सेंटीमीटर लंबा और कई साल पुराना है. जो कि मरीज के शरीर में फंसा हुआ था. लेकिन हैरानी की बात यह है कि मरीज को कोई दर्द महसूस नहीं हो रहा था.
NRS अस्पताल के डॉक्टरों ने तुरंत एक विशेष टीम का गठन किया. डॉ अर्पिता महंती, सुतीर्थ साहा और डॉ. मधुरिमा ने एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. प्रणबाशीष बनर्जी के नेतृत्व में विशेषज्ञ डॉक्टरों की एक टीम बनाई. अस्पताल के अधिकारियों ने मरीज के गले से त्रिशूल निकालने के लिए तत्काल एक विशेष ऑपरेशन करने का फैसला किया. उसके बाद सर्जरी शुरू हुई.
डॉ. प्रणबशीष बनर्जी ने बताया कि ऑपरेशन करना बहुत जोखिम भरा था. लेकिन हमारी टीम ने इसे सफलतापूर्वक किया है. मरीज अब स्थिर है.
वहीं भास्कर राम के परिवार ने बताया कि यह त्रिशूल करीब डेढ़ सौ साल से उनके घर में भगवान की वेदी पर रखा हुआ था. भास्कर राम ऐतिहासिक त्रिशूल की पीढ़ियों से पूजा करते आ रहे हैं.