पांडु पुत्र अर्जुन व सुभद्रा के बेटे अभिमन्यु के बारे में सभी ने सुना होगा कि कैसे अपनी मां के गर्भ में रहकर ही अभिमन्यु ने चक्रव्यूह तोड़ने की विद्या सीख ली थी. कुछ इसी तरह की मेधा गोंडा केबेसिक शिक्षा विभाग के प्राथमिक विद्यालय जोतिया बेलहरी में पढ़ रही 8 साल के रिया की है. नन्हीं रिया माहेश्वर सूत्र से लेकर शिव तांडव तक सब फर्राटे से सुनाती है. इतिहास, सामान्य ज्ञान, गणित, विज्ञान व अंग्रेजी जैसे विषयों पर संबंधित प्रश्नों की उत्तर भी वह बेबाकी से देती है. रिया को जिले की नई गूगल गर्ल कहा जा रहा है.
रिया को विश्व के महाद्वीप, महासागर के नाम, विश्व के देश, राजधानी और मुद्राएं, भारत के राज्य, राजधानी, राजकीय पशु, भारत के सभी जिले, भारत के सभी बड़े बंदरगाह, प्रमुख राष्ट्रीय उद्यान भारत में बहने वाली प्रमुख नदियां, राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, राष्ट्रीय प्रतीक व महापुरुषों द्वारा दिए गए नारे आदि बचपन से ही कंठस्थ है.
रिया को पड़ोसी राज्य, रिया को तुर्क वंश, गुलाम व मुगल वंश के सभी शासकों के नाम भी याद हैं. विज्ञान, अंग्रेजी, हिंदी व गणित इन विषयों से संबंधित प्रश्नों के उत्तर भी बेबाकी से देती है. संस्कृत में सबसे कठिन माने जाने वाले माहेश्वर सूत्र, शिव तांडव व गीता के 20 से अधिक श्लोक भी रिया को कंठस्थ है. प्रधानमंत्री मोदी व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जीवन परिचय भी रिया को याद है. हिंदी के पर्यायवाची, विलोम शब्द, संज्ञा और सर्वनाम की परिभाषा भी रिया बताती है.
रिया को बचपन से ही है किताबें पढ़ने का शौक
रिया दो साल की थी तब से उसने किताबें पढ़नी शुरू कर दी थी. जिस भी किताब को देखती थी, उसे पूरा पढ़ने की कोशिश करती थी और अपनी जिज्ञासा से संबंधित सवाल जवाब भी करती थी. पढ़ी गई विषय वस्तु उसे कंठस्थ हो जाती है. कबीर, तुलसीदास, सूर्यकांत त्रिपाठी निराला, सूरदास, महादेवी वर्मा जयशंकर प्रसाद व सोहनलाल द्विवेदी समेत अनेक लेखकों की का जीवन परिचय कंठस्थ है.
धानेपुर क्षेत्र के जोतिया स्कूल में
पढ़ने वाली रिया जैसी प्रतिभा का परिषदीय स्कूल में होना बेसिक शिक्षा विभाग के लिए गौरव की बात है. जल्द ही इस बच्ची से मुलाकात करूंगा और विभागीय स्तर से जो भी सुविधा होगी, उसे उपलब्ध कराई जाएगी. जिससे वह आगे बढ़ सके और अपने परिवार के साथ विभाग का नाम रोशन कर सके.