दिल्ली में ‘No money for terror’ सम्मेलन में बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आतंकवाद मानवता के लिए बड़ी समस्या है. आतंक के खतरे के प्रति सावधानी और एकजुटता जरूरी है. भारत लंबे समय से आतंकवाद झेल रहा है. जीरो टॉलरेंस का रुख ही आतंकवाद को हरा सकता है. भारत में आज से ‘No money for terror’ सम्मेलन का दो दिवसीय आयोजन किया जा रहा है. इस कार्यक्रम में 72 देशों के प्रतिनिधि शामिल हैं. हालांकि इसमें पाकिस्तान और अफगानिस्तान हिस्सा नहीं ले रहे हैं.
इस कार्यक्रम को गृह मंत्री अमित शाह भी संबोधित करेंगे. सम्मेलन को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि जब तक आतंकवाद को जड़ से नहीं उखाड़ देते, हम चैन से नहीं बैठेंगे. आज आतंक का तरीका बदल रहा है. नई तकनीक का इस्तेमाल हो रहा है. डार्क नेट और फेक करेंसी उसका उदाहरण हैं. प्राइवेट सेक्टर को ऐसे रोकथाम में सहयोग देना होगा. टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल टेरर को ट्रैक और टैकल करने में करना चाहिए. साइबर क्राइम और रेडिकलाइजेशन ये आतंक का बहुत बड़ा सोर्स है.
इस दौरान पीएम मोदी ने पाकिस्तान पर भी निशाना साधा. पीएम ने कहा कि वैश्विक आतंकवाद के खिलाफ मुहिम में भारत ग्लोबल मूमेंटम बना रहा है. दूसरे देशों के बीच आतंक को रोकने के लिए ज्वाइंट ऑपरेशन और प्रत्यर्पण संधि होनी चाहिए. कुछ देश वित्तीय और वैचारिक मदद देकर आतंक को सपोर्ट करते हैं. पाकिस्तान का नाम लिए बिना पीएम ने कहा कि आतंकवाद को स्टेट स्पांसर और वैचारिक सपोर्ट नहीं करना चाहिए. विदेश में बैठे गैंग जो अपने मूल देश के खिलाफ आर्गेनाइज्ड क्राइम की गतिविधियां संचालित कर रहे हैं. उनके खिलाफ अंतरराष्ट्रीय सहयोग करना चाहिए. साइबर क्राइम के जरिए कट्टरता फैलाना बड़ी चुनौती है सभी देशों का सहयोग बहुत जरूरी है.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत ने विश्व से पहले आतंकवाद का असर झेला. आतंक का एक हमला सभी पर हमला है. हम रुकेंगे नहीं जब तक आतंकवाद को जड़ से उखाड़ नहीं फेकेंगे. आतंकवाद ऐसा विषय है जो मानवता पर असर डालता है. ये इकानामी पर असर डालता है. टेरर फाइनेंसिंग की जड़ पर हमला करना चाहिए. आतंक को लेकर अलग-अलग धारणाएं हैं. आतंकवाद को एक ही चश्मे से देखना चाहिए.