दिल्ली सरकार के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने एमसीडी टिकट बिक्री मामले में आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक अखिलेश पति त्रिपाठी को जांच में शामिल होने के लिए समन भेजा है। इससे पहले बुधवार को एसीबी ने कमला नगर वार्ड (69 नंबर) के एमसीडी टिकट को 90 लाख रुपये में कथित तौर पर बेचने के आरोप में आप विधायक त्रिपाठी के एक रिश्तेदार समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया था।
चूंकि शिकायतकर्ता द्वारा उनके नाम का उल्लेख किया गया था, त्रिपाठी को जांच में शामिल होने के लिए बुलाया गया है। उन्हें गुरुवार सुबह 11 बजे तक जांच एजेंसी के सामने पेश होना होगा। एसीबी ने कथित तौर पर आप विधायक त्रिपाठी के साले ओम सिंह और उसके साथियों त्रिपाठी के पीए शिव शंकर पांडे उर्फ विशाल पांडेय और प्रिंस रघुवंशी को गिरफ्तार किया था।
एसीबी के डीसीपी मधुर वर्मा ने कहा, शिकायतकर्ता गोपाल खारी की पत्नी शोभा खारी को वार्ड नंबर 69, कमला नगर से एमसीडी चुनाव का टिकट देने के लिए रिश्वत लेते हुए आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। 14 नवंबर को दिल्ली के कमला नगर निवासी शिकायतकर्ता गोपाल खारी ने ‘शिकायत’ के साथ एसीबी से संपर्क किया कि वह 2014 से एक सक्रिय कार्यकर्ता के रूप में आप से जुड़े हुए थे और 9 नवंबर को वह अखिलेश पति त्रिपाठी से मिले और अपनी पत्नी शोभा खारी के लिए पार्षद का टिकट सुरक्षित करने का अनुरोध किया।
शिकायतकर्ता ने आगे कहा कि त्रिपाठी ने इसके लिए 90 लाख रुपये की रिश्वत की मांग की। एसीबी अधिकारी ने कहा, खारी ने उनके कहने पर त्रिपाठी को 35 लाख रुपये और राजेश गुप्ता (विधायक वजीरपुर) को 20 लाख रुपये की रिश्वत दी। खारी ने त्रिपाठी को आश्वासन दिया कि टिकट मिलने के बाद शेष 35 लाख का भुगतान वह करेंगे। खारी ने 12 नवंबर को आप द्वारा जारी चुनाव लड़ने वाले पार्षदों की सूची में पत्नी का नाम नहीं मिला, क्योंकि उनके वार्ड से टिकट किसी और को दे दिया गया था।
उन्होंने कहा, इसके बाद ओम सिंह ने शिकायतकर्ता से संपर्क किया और उसे आश्वासन दिया कि अगले चुनाव में उसे टिकट दिया जाएगा। उसने अपना पैसा (रिश्वत की राशि) वापस करने की भी पेशकश की। खारी ने भुगतान और वापसी के दौरान अपने कथित सौदे की ऑडियो और वीडियो रिकॉर्डिग भी पेश की। शिकायत मिलने के बाद एसीबी ने आरोपी को पकड़ने के लिए एक टीम गठित की।
15 और 16 नवंबर की दरमियानी रात को एसीबी की टीम ने खारी के आवास पर जाल बिछाया, जहां आरोपी सिंह और उसके सहयोगी पांडेय और रघुवंशी जब रिश्वत की रकम वापस करने आए तो उन्हें स्वतंत्र गवाहों की मौजूदगी में रंगे हाथों फंसा लिया गया। उन्हें मिले कुल 35 लाख में से 33 लाख रुपये मॉडल टाउन के विधायक त्रिपाठी की ओर से मिले। अधिकारी ने कहा, 33 लाख रुपये की रिश्वत की राशि जब्त कर ली गई है। पूरे मामले का पता लगाने और इस संबंध में सबूत इकट्ठा करने के लिए मामले की आगे की जांच की जा रही है।