महाराष्ट्र में राजनीतिक संकट (political crisis in maharashtra) अभी भी चल रहा है। एक तरफ जहां उद्धव गुट (Uddhav faction) विधायकों के संपर्क में होने का दावा कर रहा तो वहीं दूसरी तरफ शिंदे गुट (Shinde faction) भी इसी तरह का दावा कर रहा है।
आपको बता दें कि असली शिवसेना किसकी (real Shiv Sena) यह लड़ाई सुप्रीम कोर्ट में चल रही है। शिवसेना के दो फाड़ हो गए हैं। इस बीच शिवसेना सांसद कृपाल तुमाने ने दावा किया कि उद्धव गुट के दो सांसद और पांच विधायक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट के संपर्क में हैं।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की सरकार पर संकट के बादल मंडराते नजर आ रहे हैं। यहां शिंदे समर्थक दो विधायकों रवि राणा और बच्चू कडू में तनाव जारी है। कहा जा रहा है कि कडू की तरफ से चेतावनी जारी कर दी गई है कि वह जल्दी कोई ‘फैसला’ ले सकते हैं। साथ ही ह भी खबर है कि वह अदालत जाने की तैयारी कर रहे हैं।
बता दें कि यहां बडनेरा से निर्दलीय विधायक राणा दावा कर रहे हैं कि प्रहार जनशक्ति पार्टी (PJP) के कडू ने शिंदे का समर्थन करने के लिए रुपये लिए हैं। अब कडू ने चेतावनी दे दी है कि राणा के आरोपों पर सीएम शिंदे और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस अगर जवाब या राणा के आरापों को साबित करते सबूत नहीं देते हैं, तो वह 8 अन्य विधायकों के साथ फैसला ले लेंगे।
उन्होंने कहा कि वह यह दावा करते हुए निजी हमले कर रहे हैं कि मैंने रुपये लिए और गुवाहाटी गया। केवल मैं ही नहीं था, जो गुवाहाटी गया था, 50 और विधायक थे। इस मुद्दे पर शिंदे और फडणवीस को संज्ञान लेना चाहिए, क्योंकि अगर आपका समर्थन करने पर आपके ही समर्थक विधायक की तरफ से ऐसे सवाल उठ रहे हैं, तो यह दुर्भाग्यपूर्ण है। कडू ने दावा किया है कि इसके जरिए उनकी ही नहीं, बल्कि शिंदे और फडणवीस की छवि खराब की जा रही है। उन्होंने कहा कि केवल मेरी छवि खराब नहीं हो रही है, लोग पूछेंगे कि सीएम और डिप्टी सीएम ने मुझे कितने रुपये दिए। 50 विधायक विकास के मुद्दे पर शिंदे के साथ जुड़े थे और यह सवाल उठाकर कि हमने जुड़ने के लिए रुपये लिए थे, वह इसपर सवाल उठा रहे हैं। इसपर स्पष्ट होना जरूरी है। अगर ऐसा नहीं हुआ तो 1 नवंबर तक हम अलग फैसला लेंगे।
उन्होंने कहा कि 8 और विधायक आरोपों से दुखी हैं और सभी 1 नवंबर को फैसला लेंगे। कड़ू ने दावा किया कि वह इसे लेकर कोर्ट जाएंगे और शिंदे और फडणवीस को प्रतिवादी बनाएंगे। दोनों विधायकों के बीच तनाव नया नहीं है। कहा जाता है कि इसकी जड़ें अमरावती में वर्चस्व से जुड़ी हैं। खास बात है कि राणा की पत्नी नवनीत यहां से सांसद हैं।