लम्बी उम्र (long life) तक जीने वाले इंसान और हेल्दी लाइफस्टाइल (healthy lifestyle) के लिए मशहूर जापान (Japan) फिर चर्चा में है. चर्चा की वजह है, जापान सरकार (japan government) द्वारा शराब को बढ़ावा दिया जाना. ऐसा करके जापान की सरकार सीधेतौर पर देश के युवाओं को शराब पीने की सलाह दे रही है. जापानी सरकार का यह कदम सवालों के घेरे में है. सरकार के इस कदम को लेकर सोशल मीडिया (social media) पर सवाल उठाए जा रहे हैं कि आखिर युवाओं को इस ओर आकर्षित करके उनकी सेहत को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की जा रही है.
इतना ही नहीं नवंबर में शराब को प्रमोट करने के लिए जापान में ‘साका वीवा’ नाम की प्रतियोगिता भी आयोजित कराई गई थी. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर जापानी सरकार ऐसा क्यों कर रही है? जापान में शराब इंडस्ट्री का कारोबार गिर रहा है. नेशनल टैक्स एजेंसी की साल 2020 की रिपोर्ट कहती है जितना भी टैक्स वसूला जाता है उसका मात्र 1.9 फीसदी ही शराब कारोबार से आ रहा है. जबकि 2010 में यह आंकड़ा 3.3 फीसदी, 2000 में 3.6 फीसदी और 1994 में 4.1 फीसदी था. दशकों से आंकड़ा गिर रहा है. आंकड़े बताते हैं कि शराब से आने वाला टैक्स घट रहा है क्योंकि इसकी खपत कम हो रही है.
जापान में शराब कारोबार तेजी से घटने की एक बडी वजह कोविड की महामारी रही है. लम्बे चले लॉकडाउन के कारण सीधा असर रेस्तरां और बार पर पड़ा. नतीजा, रेवेन्यू घट गया. शराब कारोबार घटने का असर यहां की अर्थव्यवथा पर पड़ रहा है क्योंकि जापान में कई छोटे और मध्यम एंटरप्राइज इस पर निर्भर करते हैं. अगर ऐसा लगातार होता है तो अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित होगी.
शराब की कीमतों को बढ़ाने पर भी कोई बड़ा असर नहीं पड़ेगा क्योंकि ऐसा करने पर लोग इससे और दूसरी बना सकते हैं. पहले ही जापान में बुजुर्गों की आबादी तेजी से बढ़ रही है. ऐसे में रेवेन्यू को बढ़ाना बड़ी चुनौती बन गई है. जापान की नेशनल टैक्स एजेंसी ने नवंबर में एक ‘साका वीवा’ नाम की प्रतियोगिता आयोजित कराई थी. इस प्रतियोगिता में सरकार ने देश में युवाओं से शराब, बीयर और ऐसे दूसरी ड्रिंक्स को प्रमोट करने के लिए बिजनेस प्लान मांगा था.
जापान सरकार इस समय में शराब इंडस्ट्री को प्रमोट करने के लिए पूरे देश में देशी शराब और बीयर को लेकर ऑनलाइन फेस्टिवल का आयोजन करा रही है. इस फेस्टिवल के जरिए सरकार स्थानीय स्तर पर बनने वाली शराब पीने के लिए अभियान चला रही है. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, जापान के स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि प्रचार की भावना को समझें और शराब को जिम्मेदारी के साथ पिएं.