अगले महीने 42 साल की होने जा रहीं अभिनेत्री करीना कपूर बीते 22 साल से हिंदी सिनेमा में सक्रिय हैं। इस गुरुवार को रिलीज होने जा रही फिल्म ‘लाल सिंह चड्ढा’ में रूपा कौर के अपने किरदार को वह अपने सबसे बेहतरीन किरदारों में मानती हैं। एक एक्सक्लूसिव मुलाकात में करीना कहती हैं, ‘ये ऐसा किरदार है जिससे देखते ही लगाव हो जाता है। उसे जीवन से लगाव है और परिस्थितियां ऐसी बनती हैं जब वह कहती है कि मैं जीना चाहती हूं। आमिर खान ने ये फिल्म बहुत ही प्यार और सकारात्मकता के साथ बनाई है। उनका इस विषय पर भरोसा ऐसा रहा है कि वह 14 साल से इसे सीने से लगाए रहे हैं। मैं तो यही चाहती हूं कि फिल्म अच्छा कारोबार करे।
’रूपा का किरदार देख रोना आ जाएगा
छह ऑस्कर पुरस्कार जीतने वाली फिल्म ‘फॉरेस्ट गम्प’ के आधिकारिक रीमेक के तौर पर बनी फिल्म ‘लाल सिंह चड्ढा’ को करीना मूल रूप से एक प्रेम कहानी मानती हैं। वह कहती हैं, ‘जैसे जेनी के बिना ‘फॉरेस्ट गम्प’ नहीं सोची जा सकती है। वैसे ही मेरा रूपा का किरदार भी फिल्म ‘लाल सिंह चड्ढा’ की आत्मा है। जिस तरह से रूपा का किरदार तैयार किया गया है, ऐसे में कोई नहीं होगा जो रूपा को लेकर भावुक न हो। इस किरदार की अपनी खामियां हैं। मुझे भी स्याह किरदार करना बहुत भाता है। जिस तरह से फिल्म के निर्देशक अद्वैत चंदन ने ये किरदार परदे पर उतारा है, उसे आखिर में देखकर रोना आता है। सबको यही लगता है कि रूपा और लाल साथ रहें। इस किरदार की ये मजबूती देखकर ही मैंने ये फिल्म की।’
किसी ने नहीं देखा असली आमिर खान
और आमिर खान में वह बतौर कलाकार या बतौर इंसान क्या बदलाव देखती हैं, ये पूछने पर करीना कपूर बताती हैं, ‘आमिर के साथ काम करके सिर्फ किरदारों को परदे पर पेश करने के नए तरीके ही पता नहीं चलते बल्कि उनके साथ काम करके सिनेमा में हो रहे बदलाव के बारे में भी बहुत कुछ सीखने को मिलता है। मेरे हिसाब से ‘राख’ से लेकर ‘लाल सिंह चड्ढा’ तक किसी ने असली आमिर खान को नहीं देखा है। सब परदे पर उनके किरदारों को ही देखते रहे हैं। असली आमिर खान के बारे में किसी को पता नहीं है। खुद को किरदार के हिसाब से बदल देने में आमिर ने महारत हासिल कर रखी है और इसीलिए कोई अगर लाल सिंह चड्ढा बन सकता था तो वह आमिर ही हैं।’
हर शख्स से कुछ न कुछ सीखा
फिल्म ‘रेफ्यूजी’ से शुरू हुआ करीना कपूर का ग्राफ भी ये बताता है कि चुनौतीपूर्ण भूमिकाएं करने में ही उनकी भी दिलचस्पी रही है। करीना कहती हैं, ‘किसी भी कलाकार के विकास में साथ काम करने वाले लोगों का भी बहुत बड़ा हाथ होता है। मेरा तो ये मानना है कि पिछले 22 साल में मैंने जितने लोगों के साथ भी काम किया है या जिनसे भी मैं मिली हूं, सबकी शख्सियत से मैंने कुछ न कुछ लिया है और सीखा है। अगर मैं तरक्की नहीं कर रही होती और खुद को बदल नहीं रही होती तो इतना लंबा करियर आसान नहीं होता।’
मुझे तो कैमरे के सामने रहना पसंद
और, कपूर परिवार की विरासत को लेकर करीना की पीढ़ी के कलाकारों की क्या सोच रही है, क्या आरके स्टूडियोज की फिल्में बनने की कोई संभावना है? करीना कपूर अपना नजरिया साफ करती हैं, ‘अब तो इतने साल हो गए और मुझे नहीं लगता कि हम लोगों में से किसी में फिल्मों का निर्माण करने को लेकर रुचि बाकी रही है। रणबीर कपूर की रुचि अगर निर्देशन में है तो उन्हें फिल्में बनानी चाहिए। जहां तक मेरी बात है तो मुझे कभी कैमरे के पीछे की चीजों में दिलचस्पी नहीं रही, मुझे तो कैमरे के सामने रहना ही पसंद है।’