धरती पर बड़ी आफत आ सकती है। क्योंकि सूर्य के वायुमंडल(sun’s atmosphere) में एक छेद से तेज गति वाली सौर हवाएं आज (3 अगस्त) पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र (Magnetic Field) से टकरा सकती हैं। इससे एक मामूली जी-1 भू-चुंबकीय तूफान (geomagnetic storm) शुरू होने का अंदेशा है।
ब्लैकआउट का भी खतरा
भू-चुंबकीय तूफान से रेडियो सिग्नल(radio signal) में मुश्किल आ सकती है जिससे रेडियो संचालकों को भी व्यवधान का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा जीपीएस इस्तेमाल करने वाले भी दिक्कतें महसूस कर सकते हैं। सौर तूफान का असर मोबाइल फोन के सिग्नल पर भी हो सकता है, इसी के साथ पावर ग्रिड पर भी इसका असर हो सकता है, जिससे ब्लैकआउट का भी खतरा है। इसी वजह से इस तूफान को लेकर काफी चिंता जताई जा रही है।
कोरोनल होल (coronal hole) सूर्य के ऊपरी वायुमंडल में ऐसे क्षेत्र होते हैं जहां हमारे तारे की विद्युतीकृत गैस (या प्लाज्मा) ठंडी और कम सघन होती है। ऐसे छेद भी होते हैं जहां सूर्य की चुंबकीय क्षेत्र रेखाएं, अपने आप में वापस लूप करने के बजाय, अंतरिक्ष में बाहर की ओर बीम करती हैं। सैन फ्रांसिस्को में एक विज्ञान संग्रहालय, एक्सप्लोरेटोरियम के अनुसार, यह सौर सामग्री को 1.8 मिलियन मील प्रति घंटे (2.9 मिलियन किलोमीटर प्रति घंटे) की गति से यात्रा करने वाली एक धार में बढ़ने में सक्षम बनाता है।
सूर्य से पृथ्वी तक पहुंचने में 15 से 18 घंटे
स्पेस वेदर प्रेडिक्शन सेंटर के अनुसार, सूर्य से निकलने वाला मलबा या कोरोनल मास इजेक्शन (सीएमई) आमतौर पर पृथ्वी तक पहुंचने में लगभग 15 से 18 घंटे लगते हैं। यह तूफान तब आता है जब सूर्य अपने लगभग 11 साल लंबे सौर चक्र के सबसे सक्रिय चरण में प्रवेश करता है।