जिला जज अजयकृष्ण विश्वेश की अदालत में सोमवार से ज्ञानवापी-शृंगार गौरी केस की मेरिट पर सुनवाई शुरू होगी। एक महीने पहले मुस्लिम पक्ष की ओर से शृंगार गौरी के मूल वाद को खारिज करने के लिए 26 बिंदुओं पर दलीलें पेश की गईं थी। इसके बाद दीवानी न्यायालय बंद होने से कोर्ट ने चार जुलाई तक सुनवाई टाल दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने यह केस जिला जज की अदालत में स्थानांतरित किया है। अंजुमन इंतजामिया मसाजिद ने सिविल प्रक्रिया संहिता आदेश 07 नियम 11 के तहत वाद पर सुनवाई करने का आवेदन दिया था।
जिला जज ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद पहले केस की मेरिट पर सुनवाई का आदेश दिया। 26 मई की सुनवाई में मुस्लिम पक्ष के वकील अभयनाथ यादव ने वादी महिलाओं की ओर से दाखिल दावे को विरोधाभासी बताते हुए करीब 12 बिंदुओं पर दलील दी थी। अदालत ने सुनवाई 30 मई तक टाल दी थी। 30 मई को प्रतिवादी अधिवक्ता अभयनाथ यादव ने 1937 के दीन मुहम्मद केस का जिक्र करते हुए वाद खारिज करने का तर्क दिया था। उस दिन जिला जज ने बहस जारी रखते हुए सुनवाई की अगली तारीख चार जुलाई दी थी। उधर शृंगार गौरी सहित अन्य विग्रहों के दर्शन-पूजन संबंधी वाद में कोर्ट कमीशन की कार्यवाही का वीडियो फुटेज लीक होने में कार्रवाई की मांग संबंधी वादी महिलाओं समेत कई लोगों की अर्जी पर भी सुनवाई हो सकती है।