एनडीए की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को ओडिशा के मयूरभंज में रायरंगपुर जगन्नाथ मंदिर में पूजा अर्चना की. उन्होंने यहां मंदिर परिसर में झाड़ू भी लगाई. इसके बाद उन्होंने शिव मंदिर में पूजा अर्चना की. इतना ही नहीं मुर्मू आदिवासी पूजा स्थल जहिरा (Jahira) भी पहुंचीं.
बीजेपी ने मंगलवार को आदिवासी नेता द्रौपदी मुर्मू को एनडीए का राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाया है. द्रौपदी मुर्मू झारखंड की पहली महिला राज्यपाल भी रह चुकी हैं. द्रौपदी मुर्मू का जन्म ओडिशा आदिवासी जिले मयूरभंज के रायरंगपुर गांव में हुआ.
मुर्मू 2013 में बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में एसटी मोर्चे की सदस्य रहीं. 10 अप्रैल 2015 तक उन्होंने यह पद संभाला था. वह 2013 में ओडिशा के मयूरभंज की जिला अध्यक्ष निर्वाचित हुईं थी. वह 2010 में भी जिला अध्यक्ष निर्वाचित हुई थीं.
राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाए जाने के एक दिन बाद ही द्रौपदी मुर्मू को केंद्र ने Z+ सुरक्षा दी है. उम्मीदवार बनाए जाने के बाद उन्होंने सभी राजनीतिक दलों से समर्थन मांगा है. द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि वे आश्चर्यचकित हैं. उन्हें विश्वास नहीं हो रहा है कि वे एनडीए की ओर से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार बनाई गई हैं. मुर्मू ने कहा, मैं आप सभी की आभारी हूं और ज्यादा बोलने की इच्छा नहीं है. संविधान में राष्ट्रपति की जो भी शक्तियां हैं मैं उसके अनुसार काम करूंगी.
उधर, ओडिशा के सीएम और बीजद प्रमुख नवीन पटनायक ने द्रौपदी मुर्मू को एनडीए का राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाए जाने पर प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा, द्रौपदी मुर्मू का NDA के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में होना ओडिशा के लिए गर्व का क्षण है. जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मेरे साथ इस पर चर्चा की तो मुझे बहुत खुशी हुई. वो देश में महिला सशक्तिकरण के लिए एक उदाहरण स्थापित करेंगी. नवीन पटनायक का ये बयान द्रौपदी मुर्मू की अपील पर फाइनल मुहर माना जा रहा है.