प्रदेश में इन दिनों बिजली (Lightning) के लिए हाहाकार मचा है. शहरी क्षेत्रों में भी कई-कई घंटे बिजली कटौती की जा रही है. गर्मी (summer) में बिजली की मांग ज्यादा (High demand for electricity) होने से प्राइवेट सेक्टर से महंगे दामों (high prices) में सरकार बिजली खरीदकर लोगों को मुहैया करवा रही है. ऐसे में जनता के लिए खुशी की बात है कि ओबरा में 1320 मेगावॉट की बिजली परियोजना (1320 MW power project in Obra) का कोरियाई कम्पनी दुसान के ओर से निर्माण किया जा रहा है. इस 1320 मेगावॉट की परियोजना 660-660 मेगावॉट के दो भागों में बांटा गया है.इसकी पहली इकाई 660 मेगावॉट का मंगलवार शाम 6:27 बजे बॉयलर लाइटअप किया गया जो सफलतापूर्वक संपन्न हुआ. अब इस परियोजना को योगी सरकार की बड़ी उपलब्धि के तौर पर भी देखा जा रहा है।
बता दें की ओबरा तापीय परियोजना के विस्तारीकरण में निर्माणाधीन 1320 मेगावाट की ओबरा सी परियोजना के 660 मेगावाट की पहली इकाई का मंगलवार की शाम टेस्ट लाइटअप किया गया। इस दौरान सफलतापूर्वक बॉयलर की सभी तकनीकी पहलुओं को देखते हुए बारीकी से जांच की गई.
इसकी जानकारी देते हुए महाप्रबंधक इंजीनियर पीसी अग्रवाल ने बताया कि परियोजना का निर्माण कार्य प्रगति पर है. इसके तहत हर तकनीकी पहलुओं की जांच की जा रही है. इसी क्रम में मंगलवार को बॉयलर टेस्ट लाइटअप किया गया है. बता दें कि प्रदेश सरकार की महत्त्वाकांक्षी ओबरा सी परियोजना उत्तर प्रदेश को बिजली के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने में मील का पत्थर मानी जा रही है. कोविड-19 के कारण परियोजना निर्माण में देरी हो रही है. संभावना जताई जा रही है कि सबकुछ ठीक रहा तो अक्टूबर 2022 तक पहली इकाई से बिजली उत्पादन शुरू हो जाएगा. जो जनता के लिए एक राहत की बात होगी.
7 साल से चल रहा निर्माण
वहीं परियोजना से जुड़े इंजीनियर अजय कुमार राय ने बताया की ओबरा सी परियोजना ( 1320 मेगावॉट ) का निर्माण पिछले 7 साल से चल रहा है. बीच मे कोविड की वजह दो साल निर्माण प्रभावित रहा है. ऐसे में हम लोग खुश हैं कि परियोजना जल्द लाइटअप हो जाएगी. जिससे आम जनता को बिजली संकट से राहत मिलेगा. ये एक बड़ी उपलब्धि है. वहीं इस परियोजना के लिए रोज दस हजार टन कोयले की जरूरत पड़ेगी. जनपद में कोयले व पानी की प्रचुर मात्रा होने की वजह से यहां किसी भी प्रकार से कमी नही होगी।