दिल्ली पुलिस (Delhi Police) के विशेष पुलिस आयुक्त (Special Commissioner of Police) दीपेंद्र पाठक (Deependra Pathak) ने बुधवार को कहा कि राष्ट्रीय राजधानी के जहांगीरपुरी (Jahangirpuri) इलाके में विध्वंस की कार्रवाई को रोकने के बाद (After Stopping Demolition) स्थिति पूरी तरह से सामान्य और नियंत्रण में है (Situation Normal and Under Control) ।
पाठक ने कहा कि दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में, जहां चार दिन पहले हिंसा हुई थी, नगर निगम द्वारा किए गए अतिक्रमण विरोधी विध्वंस अभियान के मद्देनजर स्थिति पूरी तरह से सामान्य और नियंत्रण में है। विशेष आयुक्त ने संवाददाताओं से बात करते हुए कहा, “विध्वंस की कार्रवाई को अब रोक दिया गया है और कानून व्यवस्था की स्थिति नियंत्रण में है। हम इलाके में शांति बनाए रखे हुए हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि बड़ी संख्या में पुलिस बल केवल नागरिक निकाय को सुरक्षा प्रदान करने के लिए लगाया गया है क्योंकि वो विध्वंस प्रक्रिया को अंजाम दे रहे थे। स्पेशल सीपी ने कहा, “हमारे पास पर्याप्त तैनाती है और हम शांति बनाए रखने के लिए इलाके के नागरिकों के संपर्क में भी हैं।”
हिंसा प्रभावित जहांगीरपुरी इलाके में बुधवार सुबह करीब 10.40 बजे अतिक्रमण विरोधी अभियान शुरू हुआ। पहले एक तंबाकू विक्रेता की दुकान को तोड़ा गया और उसके बाद जेसीबी ने उसके बगल में एक अन्य जूस-सह-तंबाकू विक्रेता के ठिकाने को भी तोड़ दिया। इस दौरान एक दो मंजिला कबाड़ व्यापारी की दुकान भी धराशायी कर दी गई।अचानक लगभग 11.10 बजे, सुप्रीम कोर्ट द्वारा विध्वंस अभियान पर यथास्थिति के आदेश देने की खबर फैल गई और विध्वंस को रोकने के लिए बुलडोजर रोक दिए गए, लेकिन महज 20 मिनट में 11.30 बजे जेसीबी ने फिर से अभियान शुरू किया और दो मंजिला जूस कॉर्नर को तोड़ दिया।
दुकान का मालिक मीडियाकर्मियों से मदद की गुहार लगाते हुए चीखता-चिल्लाता रहा, लेकिन कुछ ही मिनटों में उसकी दुकान भी धराशायी हो गई। जूस कॉर्नर के मालिक गणेश कुमार गुप्ता ने कहा, “मेरी दुकान 1977 से यहां है। वे मेरे कागजात की जांच क्यों नहीं कर रहे हैं? कोई अधिकारी मुझसे बात करने क्यों नहीं आ रहा है। मेरी दुकान दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) द्वारा आवंटित की गई थी।”
विध्वंस अभियान के आसपास रहने वाले लोगों को अपने घरों की छतों और खिड़कियों से पूरी प्रक्रिया को देखते हुए देखा गया। आईएएनएस से बात करते हुए, उनमें से कई ने सरकार की सख्त कार्रवाई पर नाराजगी व्यक्त की, जो गंभीर सांप्रदायिक झड़पों के ठीक चार दिन बाद शुरू की गई।