चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri) में पूरे नौ दिन मां दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की उपासना का विधान है। नवरात्रि में अष्टमी-नवमी(Ashtami-Navami) का खास महत्व होता है। अष्टमी के दिन महागौरी और नवमी के दिन सिद्धिदात्री मां का पूजन(worship) किया जाता है। अष्टमी और नवमी दोनों दिन कन्या पूजन करना विशेष फलदायी माना जाता है। कन्या पूजन के बाद ही भक्तों के नवरात्रि व्रत संपन्न माने जाते हैं। इसमें 2 से 11 साल की बच्चियों की पूजा की जाती है। माना जाता है कि अलग-अलग रूप की कन्याएं देवी के अलग-अलग स्वरूप को दर्शाती हैं।
बता दें कि चैत्र महीने (Chaitra month) के शुक्ल पक्ष की नवमी के दिन भगवान श्रीराम (Lord Shri Ram) का जन्म हुआ था. इसे रामनवमी के तौर पर मनाया जाता है. यह चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri) का आखिरी दिन भी होता है. इस साल रामनवमी 10 अप्रैल, रविवार को मनाई जाएगी. नवमी तिथि 9 अप्रैल की देर रात 01:23 बजे से शुरू होगी और 11 अप्रैल की दोपहर 03:15 बजे तक रहेगी. रामनवमी के दिन देशभर के राम मंदिरों में प्रभु श्रीराम की पूजा अर्चना (Worship of Lord Shri Ram) की जाती है. इस दिन किए गए कुछ खास उपाय जीवन को खुशियों से भर सकते हैं।
राम नवमी के कुछ खास उपाय
1.रामनवमी के दिन शुभ मुहूर्त दिन में 11:06 बजे से दोपहर 01:39 बजे के बीच में भगवान श्रीराम की पूजा स्तुति “श्री रामचंद्र कृपालु भजमन हरण भव भय दारुणम्..” का पाठ करते हुए भगवान राम के तरफ ध्यान करें. ऐसा करने से आपके जीवन के सारे दुख और कष्ट दूर हो जाते हैं.
रामनवमी के दिन शुभ मुहूर्त में राम रक्षा स्त्रोंत का पाठ “चरितं रघुनाथस्य शतकोटि प्रविस्तरम्। एकैकमक्षरं पुंसां महापात ..” का पाठ विधि पूर्वक करें. इसे करने से आपका जीवन से संकट दूर होगा, आप हमेशा खुशहाल रहेगें.
श्री राम जी के परम भक्त हनुमान जी का गुणगान हनुमान चालीसा में मिलता है. इसलिए रामनवमी को मन में कोई मनोकामना रखकर हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं, तो भगवान राम और भक्त हनुमान दोनों की कृपा से आपकी मनोकामना पूर्ण होती है.
हनुमान चालीसा का पाठ
पुरुषोत्तम श्री रामजी के परम भक्त हनुमान जी का गुणगान तुलसीदास द्वारा रचित हनुमान चालीसा में मिलता है। इसलिए रामनवमी के दिन मन में कोई मनोकामना रखकर हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं तो भगवान राम और भक्त हनुमान दोनों की कृपा से आपकी मनोकामना पूर्ण होती है। इसके अलावा इस दिन रामायण पाठ,रामस्तुति आदि करना भी विशेष फलदाई है।
अगर आप के जीवन में कोई संकट या विपत्ति आपका पीछा नहीं छोड़ रही है, तो रामनवमी के दिन रामायण या रामचरित मानस का पाठ करें. ऐसा करने से आपके जीवन के सारे संकट दूर हो जाएंगे.
अगर आप चाहते हैं की आपके जीवन में मंगल हो तो इस दिन सुंदरकांड का पाठ “मंगल भवन अमंगल हारी द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी” चौपाई का सम्पुट लगाकर करें. (चौपाई का अरद्धांश रामचरित मानस के पाठ के हर दोहे के पहले और बाद में पाठ किया जाता है तो उस अर्द्ध अंश को सम्पुट कहते हैं) इस चौपाई का सुदंर कांड में संपुट लगाने से हमेशा मंगल होता है.
अगर आपके घर में कोई वास्तु दोष है, तो इसे दूर करने के लिए रामनवमी के दिन एक पात्र में गंगाजल ले लें, उसके बाद भगवान राम की तरफ ध्यान करके श्री राम के रक्षा मंत्र ‘ऊं श्रीं ह्वीं क्लीं रामचंद्राय श्रीं नम:’ का करीब 108 बार जाप करें. इसके पश्चात् पात्र में रखे जल को घर के चारों तरफ छिड़क दें. ऐसा करने से आपके घर में वास्तु दोष और नजर दोष दूर होता है.
अगर आप आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं, तो राम नवमी के दिन रामाष्टक का पाठ विधि पूर्वक करें. ऐसा करने से धन की प्राप्ति होती है.
मकान, वाहन खरीददारी के लिए शुभ मुहूर्त
इस बार राम नवमी पर रवि पुष्य योग, सर्वार्थ सिद्धि योग एवं रवि योग का त्रिवेणी संयोग बन रहा है. इसलिए इन तीनों योग के चलते इस बार की रामनवमी पर अतिशुभ योग बन रहा है. ऐसे में यह समय मकान, वाहन, जमीन या कोई नया कारोबार शुरू करने के लिए बढ़िया संयोग है.