पंजाब के मुख्यमंत्री (Punjab CM) भगवंत मान (Bhagwant Mann) ने सोमवार को उपायुक्तों (Deputy Commissioners) से कहा (Told) कि वे लोगों की शिकायतों (Grievances of the People) का जल्द समाधान करें (Solve Soon) । शिकायतों का मौके पर ही निवारण करने के लिए वे मैदान में, खासकर गांवों में नियमित रूप से आउटडोर बैठकें करें।
उपायुक्तों की एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए, उन्होंने अधिकारियों की अपनी टीम के साथ, एक विशेष गांव या कस्बे में उनके दरवाजे पर विशेष शिविर आयोजित करने के लिए कहा, ताकि परिणाम-उन्मुख तरीके से जनता के सामने आने वाले लंबित मुद्दों या समस्याओं का त्वरित समाधान हो सके।
उपायुक्तों को प्रशासन की आंख और कान बताते हुए, मान ने कहा, “आप सरकार का असली चेहरा हैं, क्योंकि लोगों का सरकार के बजाय आपसे सीधा संपर्क है, क्योंकि वे आप पर अटूट विश्वास रखते हैं।” उन्होंने उनसे ‘सांझ केंद्रों’ की औचक जांच करने का भी आग्रह किया, क्योंकि वे मुख्य रूप से जनता की सुविधा के लिए स्थापित किए गए हैं और उन्हें नागरिक केंद्रित सेवाएं प्रदान करने के लिए कहा है।
मंडलायुक्तों, डीसी, एसएसपी, एसडीएम और अन्य क्षेत्र के अधिकारियों के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन की पहचान में, मान ने यह भी घोषणा की कि ऐसे अधिकारियों को मिशनरी उत्साह के साथ लोगों की सेवा करने के लिए प्रेरित करने के लिए ‘सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन पुरस्कार’ से सम्मानित किया जाएगा।
नशा करने वालों को मुख्य धारा में लाने के प्रयास में उन्होंने एक माह के भीतर सभी जिलों में नशामुक्ति एवं पुनर्वास केन्द्रों को चालू एवं उन्नत करने का लक्ष्य दिया, ताकि भटक गये एवं नशे के शिकार युवाओं का प्रभावी ढंग से पुनर्वास किया जा सके। उन्होंने कहा कि नशा करने वालों का पुनर्वास सबसे महत्वपूर्ण है और यह उन्हें स्वाभिमान का जीवन जीने में सहायक होगा।
मुख्यमंत्री ने उपायुक्तों को बिना किसी राजनीतिक दबाव के अपनी क्षमता के अनुसार अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने के लिए पूर्ण स्वायत्तता का आश्वासन दिया। हालांकि, उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधियोंऔर आम आदमी को एक प्रमुख कर्तव्य होने के नाते उचित सम्मान और बुनियादी शिष्टाचार दिया जाना चाहिए।