कर्नाटक (Karnataka) में हिजाब, झटका-हलाल मीट के विरोध के बाद अब महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई (Mumbai, the capital of Maharashtra) में मस्जिदों पर लाउडस्पीकर से नमाज पढ़ने को लेकर राजनीति शुरू हो गई है. मनसे प्रमुख राज ठाकरे की चेतावनी के बाद अब मनसे के घाटकोपर कार्यालय (MNS Office Ghatkopar) में लाउडस्पीकर (loudspeakers) लगाकर हनुमान चालीसा (Hanuman Chalisa with Maharashtra) बजाई जा रही है. मनसे प्रमुख राज ठाकरे (Raj Thackeray) ने कल चेतावनी देते हुए मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने की मांग की थी.
राज ठाकरे ने शनिवार को कहा था कि मैं अभी चेतावनी दे रहा हूं..मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटा दो वरना मस्जिद के सामने लाउडस्पीकर लगा दूंगा और उसमें तेज आवाज में हनुमान चालीसा बजाएंगे. उन्होंने शिवाजी पार्क में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा था कि आखिर मस्जिद में लाउड स्पीकर इतनी तेज आवाजा में क्यों बजाए जाते हैं. अगर यह रुका नहीं तो इससे कहीं ज्यादा तेज आवाज में हनुमान चालीसा बजाई जाएगी.
मनसे प्रमुख ने कहा कि मैं मुझे किसी के प्रार्थना करने से कोई दिक्कत नहीं है और न ही मैं किसी धर्म के खिलाफ हूं. मुझे अपने धर्म पर गर्व है. महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख ने राकांपा प्रमुख शरद पवार की भी आलोचना की और उन पर ‘‘समय-समय पर जाति का मुद्दा उठाने तथा समाज को विभाजित करने’’ का आरोप लगाया. अब राज ठाकरे की टिप्पणी पर शरद पवार ने जवाब दिया है. राज ठाकरे के आरोप को खारिज करते हुए एनसीपी प्रमुख ने कहा कि मनसे अध्यक्ष किसी भी मुद्दे पर कभी एक राय नहीं रखते हैं और साल में तीन से चार महीने ‘‘सुषुप्त अवस्था’’ में रहते हैं, जो उनकी ‘‘खासियत’’ है.
पवार ने कोल्हापुर में पत्रकारों से कहा, ‘‘इसके विपरीत राकांपा ने सभी जातियों के लोगों को एकजुट किया है. राज ठाकरे को टिप्पणी करने से पहले राकांपा का इतिहास पढ़ना चाहिए.’’ महाराष्ट्र नव निर्माण सेना (मनसे) प्रमुख के भाषण पर एक सवाल के जवाब में पवार ने तंज कसते हुए कहा, ‘‘राज ठाकरे तीन से चार महीने सोये रहते हैं और अचानक भाषण देने के लिए जाग जाते हैं. यह उनकी खासियत है। मुझे नहीं पता कि वह इतने महीनों तक क्या करते हैं.’’