काशी हिंदू विश्वविद्यालय में स्थित साइबर लाइब्रेरी को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से अहम नोटिस जारी की गई है. साइबर लाइब्रेरी अब हर दिन 21 घंटे तक खुली रहेगी. आज यानी 28 मार्च 2022 से छात्र-छात्राएं अब सुबह 8 बजे से अगले दिन सुबह पांच बजे तक लाइब्रेरी में बैठकर पढ़ाई कर सकेंगे. विश्वविद्यालय प्रशासन के इस फैसले से छात्रों को बड़ा लाभ होगा. बता दें कि, साइबर लाइब्रेरी (BHU Cyber Library) को 24 घंटे के लिए खोले जाने के लिए छात्रों ने 2016 में आंदोलन किया था. अब आंदोलन के छह साल बाद इस फैसले से छात्र बहुत खुश हैं. विश्वविद्यालय परिसर में विश्वनाथ मंदिर के ठीक सामने स्थित सेंट्रल लाइब्रेरी में साइबर लाइब्रेरी स्टडी सेंटर स्थापित है.
साइबर लाइब्रेरी स्टडी सेंटर (BHU Cyber Library Study Center) सुबह 8 से रात 11 बजे तक खुलती थी. लाइब्रेरी की टाइमिंग बढ़ाने की मांग करते हुए छात्रों ने बताया कि, पूर्व में कुलपति प्रो जीसी त्रिपाठी ने समयावधि को घटाकर 12 घंटे कर दिया था. 2016 में जब 24 घंटे खोलने के लिए आंदोलन किया गया था. विश्वविद्यालय प्रशासन के आदेश में कहा गया है कि, समयावधि बढ़ाने से करीब 32,000 विद्यार्थियों को लाभ मिलेगा.
BHU ने ट्वीट कर दी जानकारी
BHU Library अब 21 घंटे खुलेगी
6 साल से छात्र लाइब्रेरी को रात में खोलने की मांग कर रहे थे. विश्वविद्यालय के नए वीसी प्रोफेसर सुधीर कुमार जैन ने छात्रों की मांगों को मान लिया है. जैन ने पुनः सुबह 8 बजे से अगले दिन की सुबह 5 बजे तक साइबर लाइब्रेरी खोलने का निर्णय लिया है. बीएचयू प्रशासन ने इसे छात्र हित में अहम फैसला बताया है.
छात्रों को जाना पड़ा था जेल
6 साल पहले यानी साल 2016 में छात्रों ने 24 घंटे लाइब्रेरी खोलने की मांग करते हुए आंदोलन किया था. जिसके बाद बीएचयू के तत्कालीन वाइस चांसलर जीसी त्रिपाठी ने आंदोलन में शामिल रहे 9 छात्रों को निलंबित कर दिया था. बाद में इन छात्रों को जेल हो गई थी. वहींं साल 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने बीएचयू के इन छात्रों के निलंबन को निरस्त कर दिया था.
इस आंदोलन के दौरान निष्कासित रहे पूर्व छात्र विकास सिंह ने मीडिया को बताया, “बीएचयू में साइबर लाइब्रेरी की शुरुआत साल 2012 में तत्कालीन वाइस चांसलर डॉ. लालजी सिंह के कार्यकाल में हुई थी. इस लाइब्रेरी को शुरू करने का उद्देश्य कैंपस के हॉस्टल और बाहर रहने वाले छात्रों को पढ़ाई के लिए वातानुकूलित और इंटरनेट युक्त माहौल प्रदान करना था.” लालजी सिंह के कार्यकाल में यह लाइब्रेरी सुबह 8 बजे खुलती थी और फिर अगले दिन सुबह 5 बजे बंद की जाती थी. सुबह 3 घंटे साफ सफाई के लिए लाइब्रेरी बंद होती थी.