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समाजसेवी अर्चना तिवारी का बड़ा बयान- शोषित वंचित पीड़ित समाज के हित की लड़ाई अंतिम सांस तक लडूंगी

अयोध्या की गुड़िया के साथ जो दरिंदो के द्वारा दुराचार किया है उस गुड़िया को न्याय दिलाने के लिए मैं आवाज उठा रही थी लेकिन जिला प्रशासन कोतवाल देवेंद्र सिंह सत्ता की हनक में दोषियों के ऊपर कार्यवाही नहीं कर पा रही है लेकिन मै  गुड़िया बिटिया को न्याय दिलाने के लिए संघर्ष कर रही हूं इसलिए  पुलिस प्रशासन द्वारा मेरी आवाज दबाने का प्रयास किया जा रहा है कोतवाल देवेंद्र सिंह मेरे घर पर आते है मुझसे मेरी पति से बदतमीजी से बात करते है मेरा हाथ पकड़ते है जेल में डालने की, मुकदमा लिखने की, हाथ पैर तोड़ने की धमकी देते है लेकिन मैं डरने वाली महिला नहीं हूं.

सत्य की लड़ाई अंतिम सांस तक लडूंगी सत्य का समर्थन करूंगी असत्य का विरोध करूंगी लोकतंत्र में सभी को आवाज उठाने का अधिकार है लेकिन आज पुलिस प्रशासन लोकतंत्र को खत्म करने पर तुल चुकी है अगर लोकतंत्र को बचाना है शोषित वंचित पीड़ित को न्याय दिलाना है तो फिर वीरू और वीरांगना आहुति मांग रही है हमारी मातृभूमि इसके लिए मैं मेरे पति और मेरे दोनों बच्चे अपनी आहुति देने के लिए तैयार है 25 तारीख को 7:00 बजे रात्रि से 7:10 तक घर की लाइट बंद करके अयोध्या गुड़िया को न्याय मिले लोकतंत्र बचे शोक दिवस के रूप में मनाऊंगी 26 मार्च को मैं और मेरे पति और मेरे बच्चे अपने अंग का दान करेंगे की मौत आने के बाद हमारा अंग किसी जरूरतमंद के काम आए 26 मार्च को प्रशासन सद्बुद्धि महायज्ञ का आयोजन किया जाएगा .

27 मार्च को जिले के प्रतिष्ठित अधिवक्ताओं से वार्तालाप की जाएगी और उन से निवेदन किया जाएगा कि आप समाज को जागरूक करें देश हित समाज हित की लड़ाई करने वाले समाजसेवी और आम जनता के साथ पुलिस किस एक्ट के तहत किस तरह की वार्तालाप कर सकती है समाज को सारी धाराओं के बारे में अवगत कराने की कृपा करें यह निवेदन करूंगी कि जिससे जनता अपने अधिकारों को जाने और पुलिस प्रशासन से बेहिचक बिना डर और भय से वार्तालाप कर सकें 28 मार्च को पूरे परिवार के साथ जिला प्रशासन और देवेंद्र सिंह को अपनी पूरी प्रॉपर्टी लिखित तौर पर दे दूंगी और देवेंद्र सिंह से कहूंगी मेरे परिवार को अब जेल में डालो मुकदमा लिखो बुलडोजर चलाओ हाथ पैर तोड़ो अपंग बना दो आप सब कुछ मेरे परिवार के साथ स्वतंत्रता पूर्वक कर सकते हैं लेकिन अंतिम सांस तक देश हित समाज हित शोषित वंचित पीड़ित की आवाज बुलंद करती रहूंगी और मृत्यु उपरांत भी हमारे शरीर का अंग समाज के काम आएगा.