वैसे तो चीन (China) दुनियाभर में अपनी ताकत का प्रदर्शन समय-समय पर करता रहता है और छोटे-छोटे देशों पर भी अपना एकाधिकार (Monopoly) जमाता है, चीन (China) की इस चाल के बारे में अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया (US, UK and Australia) जैस देश कई बार पूरी दुनिया को सतर्क कर चुके हैं, हालांकि सुना नहीं जाता कि किसी छोटे देश ने चीन को आंखें दिखाई हो मगर इन दिनों ऐसा देखने को मिल रहा है जो देश चीन को आंखें दिखा रहा है वो कोई और नहीं लगभग 9 लाख की आबादी वाला फिजी (Fiji) देश है। फिजी ने चीनी सुरक्षाा समझौता को रद्द कर दिया है।आपको यहां बता दें कि चीन इन दिनों रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण दुनिया के छोटे-छोटे देशों के साथ सुरक्षा समझौता कर रहा है। इसी के मद्देनज़र उसने फिजी को साधने की भी कोशिश की लेकिन फिजी के प्रधानमंत्री सित्विनी राबुका ने कहा कि फिजी पुलिस फोर्स की सहायता के लिए हमें चीन के सरकारी सुरक्षाकर्मियों की जरूरत नहीं है।
बता दें कि फिजी और चीन में 2011 में सुरक्षा समझौते को लेकर समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुए थे। इसके बाद 2021 में चीन ने फिजी में एक चीनी पुलिस संपर्क अधिकारी को तैनात किया था अब फिजी के प्रधानमंत्री राबुका ने द फिजी टाइम्स से कहा है कि उन्हें समझौते को जारी रखने की कोई जरूरत नहीं है।
जानकारी के लिए बता दें कि फिजी प्रशांत महासागर में स्थित एक द्वीपीय देश है। यह देश बहुत छोटा है, यहां की आबादी की बात करें तो महज 9 लाख आबादी है यह देश 18 हजार 264 वर्ग किलोमीटर में फैला है। इस देश की खोज 17वीं और 18वीं शताब्दी के दौरान डच और अंग्रेज खोजकर्ताओं ने की थी।
भारत और फिजी का संबंध तबसे है जब भारत अंग्रेजों के अधीन था। अंग्रेजों ने काम के लिए भारत से बड़ी संख्या में लोगों को फिजी भेजा था। इसमें अधिकतर नागरिक उत्तर प्रदेश और बिहार के रहने वाले थे। ऐसे में फिजी में भोजपुरी बोली का काफी ज्यादा प्रभाव है। फिजी मे बोली जाने वाली हिन्दी अवधी भाषा का ही एक स्वरूप है। फिजी मे अवध क्षेत्र का बहुत प्रभाव है, यहां रामायण का बोली पर भी बहुत गहरा प्रभाव है।
गुलामी के दौरान अंग्रेजों ने काम के लिए भारत से बड़ी संख्या में लोगों को फिजी भेजा था। इसमें अधिकतर नागरिक उत्तर प्रदेश और बिहार के रहने वाले थे। ऐसे में फिजी में भोजपुरी बोली का काफी ज्यादा प्रभाव है। फिजी मे बोली जाने वाली हिन्दी अवधी भाषा का ही एक स्वरूप है। फिजी मे अवध क्षेत्र का बहुत प्रभाव है, यहां रामायण का बोली पर भी बहुत गहरा प्रभाव है।