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35 लाख में नीट पेपर लीक करने का हुआ था सौदा, व्हाट्सऐप से गैंग ने ऐसे किया खेल

जयपुर से लीक हुये मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट के पेपर के मामले में रोज नये खुलासे हो रहे हैं। पुलिस की जांच में सामने आया है जयपुर से लीक हुआ नीट का पेपर सॉल्व करने के लिये पहले सीकर भेजा गया। बाद में वहां से नीट का यह पेपर हरियाणा भेजा गया था। पुलिस ने नीट पेपर लीक मामले में एक और आरोपी सुनील कुमार को सीकर से गिरफ्तार किया है। सुनील पर पेपर सॉल्व कर वापस जयपुर भेजने का आरोप है। सुनील ने इस पेपर कुछ प्रश्न हरियाणा स्थित अपने एक दोस्त से सॉल्व करवाये थे। इस मामले में पुलिस की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है वैसे-वैसे इसमें नये साजिश का खुलासा होता जा रहा है। डीसीपी रिचा तोमर ने बताया कि 12 सितंबर को राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित हुई मेडिकल प्रवेश नीट परीक्षा में भांकरोटा स्थित परीक्षा केन्द्र राजस्थान इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्ननोलॉजी कॉलेज में एक परीक्षार्थी को परीक्षा वीक्षक और परीक्षा केन्द्र के कर्मचारी के द्वारा मिलकर नकल कराई गई थी। प्रश्न पत्र को व्हाट्स ऐप के जरिये सीकर अपने साथी को भेजकर उसे सॉल्व करवाया गया था। उसकी आंसर की वापस व्हाट्सएप पर मंगवाकर परीक्षार्थी को दी गई थी। परीक्षार्थी ने इस नकल का फायदा भी उठाया।

व्हाट्सऐप के जरिये नकल की लगी थीं सेंध

प्रश्न पत्र को सॉल्व करने वाले आरोपी सुनील कुमार भांकरोटा थाना पुलिस सीकर से गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी सुनील कुमार ने पुलिस को बताया है कि उसको 12 सितंबर को नीट परीक्षा 2021 का प्रश्न पत्र उसके दोस्त पंकज यादव ने व्हाट्सऐप पर सॉल्व करने के लिये भेजा था। उसको उसने सॉल्व किया था लेकिन कुछ प्रश्नों के जवाब उसको नहीं आने के कारण उसने अपने हरियाणा निवासी एक दोस्त को व्हाट्स ऐप भेजकर सॉल्व करवाये थे। प्रश्न पत्र को सॉल्व कर उसकी आंसर की व्हाट्स ऐप के जरिये पंकज यादव को भेज दी थी। पुलिस आरोपी से गहनता से पूछताछ कर रही है। पुलिस को और आरोपी मिलने की संभावना है।

पुलिस ने सोमवार को किया था मामले का खुलासा

नीट परीक्षा पेपर लीक मामले में पुलिस ने सोमवार को एक परीक्षार्थी समेत कुल 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने सूचना मिलने के बाद परीक्षार्थी धनेश्वरी के पेपर और ओएमआर शीट को जब्त कर लिया है। आरोपियों को गिरफ्तार करने के साथ ही उनसे 10 लाख रुपये भी बरामद कर लिए थे। पेपर लीक का यह सौदा 35 लाख रुपये में हुआ था। यह पैसा मिलीभगत करने वाले आरोपियों में वितरित होना था। पुलिस ने बताया था कि धनेश्वरी का पेपर एम-2 सीरिज का था। आरोपियों के मोबाइल से आंसर की और पेपर लीक की पुष्टि हो चुकी है।