कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा (Bhaarat jodo yaatra) शनिवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में प्रवेश कर चुकी है. इस यात्रा ने 107 दिन में करीब 3 हजार किमी का सफर पूरा कर लिया है. आज 108वें दिन यात्रा ने दिल्ली में एंट्री की है. यात्रा में राहुल गांधी के साथ जनसैलाब चल रहा है.
आज यात्रा ने बदरपुर बॉर्डर से सुबह दिल्ली (Delhi) में प्रवेश किया. यात्रा करीब 10:30 बजे जयदेव आश्रम, आश्रम चौक के पास पहुंचेगी. शाम करीब 4.30 बजे लाल किले पर जाएगी. यहां राहुल गांधी संबोधित कर सकते हैं. यात्रा के रूट में बड़ी संख्या में लोगों और वाहनों के शामिल होने की उम्मीद है.
इसे लेकर कांग्रेस (leader) ने मेगा शो की तैयारी की थी. खुद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने विपक्षी दलों को भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने के लिए बुलावा भेजा था. राहुल ने चिट्ठी लिखकर आज यात्रा से जुड़ने की अपील की थी. राहुल आज दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस भी कर सकते हैं.
राजघाट समेत बाकी समाधियों पर फूल चढ़ाएंगे राहुल
तय हुआ है कि भारत जोड़ो यात्रा बदरपुर बॉर्डर (badarpur border) से अपोलो अस्पताल होकर आश्रम जाएगी. दोपहर में आश्रम चौक के पास धर्मशाला में लंच और विश्राम होगा. फिर निजामुद्दीन, इंडिया गेट सर्किल, वहां से आईटीओ, दिल्ली कैंट, दरियागंज होते हुए लालकिला पहुंचेगी. लालकिला से फिर राहुल गांधी के साथ कुछ नेता कार से राजघाट (महात्मा गांधी), वीरभूमि (राजीव गांधी), शांति स्थल (पं. जवाहर लाल नेहरू) समेत अन्य समाधियों पर जाकर फूल चढ़ाएंगे.
यात्रा में कमल हासन शामिल होंगे
फिल्म अभिनेता और मक्कल निधि मय्यम (एमकेएम) के अध्यक्ष कमल हासन दोपहर 3 बजे आईटीओ से भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होंगे. पिछले हफ्ते हासन ने बताया था कि उन्हें राहुल गांधी ने आमंत्रित किया है और वे 24 दिसंबर को राष्ट्रीय राजधानी में भारत जोड़ो यात्रा में भाग लेंगे. स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के परिवारों के भी शामिल होने की उम्मीद है.
दिल्ली में 40 से 50 हजार लोग यात्रा का हिस्सा हो सकते हैं
संभावना है कि आश्रम चौक स्थित धर्मशाला में राहुल गांधी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सकते हैं, जिसके लिए तैयारियां की जा रही हैं. दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अनिल चौधरी ने बताया कि यात्रा अपोलो अस्पताल के रास्ते आश्रम की ओर चलेगी. उसके बाद यत्रियों का लंच ब्रेक होगा और थोड़ी देर आराम करेंगे. हम दोपहर 1 बजे आश्रम से अपनी यात्रा फिर से शुरू करेंगे. ये यात्रा निजामुद्दीन की ओर जाएगी.
25 दिसंबर से 2 जनवरी तक यात्रा पर ब्रेक!
शनिवार रात से यात्रा पर 9 दिन का ब्रेक लगेगा. उसके बाद यात्रा 3 जनवरी से उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) से शुरू होगी और तीन जिलों को कवर करेगी. यूपी के जिला गाजियाबाद के लोनी बॉर्डर से भारत जोड़ो यात्रा एंट्री करेगी. इसके बाद 4 जनवरी को बागपत, 5 जनवरी को शामली और 6 जनवरी को कैराना से होकर दूसरे चरण में हरियाणा के सोनीपत जिले में प्रवेश में कर जाएगी. वहां से पंजाब और जम्मू-कश्मीर के लिए रवाना होगी. बताते चलें कि 7 सितंबर को कन्याकुमारी से शुरू की गई यात्रा ने अब तक 9 राज्यों को कवर कर लिया है. इनमें तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान और हरियाणा शामिल है. हालांकि, हरियाणा में दूसरा फेज होना बाकी है. यात्रा ने 16 दिसंबर को राजस्थान में 100 दिन पूरे किए हैं.
करीब 3000 किलोमीटर का पैदल सफर पूरा
यात्रा ने 107 दिन में 9 राज्यों के 46 जिले कवर किए हैं और करीब 3000 किमी की यात्रा पूरी कर ली है. अब सिर्फ 548 किमी की यात्रा बाकी है. कांग्रेस ने 150 दिन में 3500 किमी पैदल यात्रा का टारगेट बनाया है. अभी 3 राज्यों यूपी, पंजाब और जम्मू-कश्मीर से यात्रा का गुजरना बाकी है.
इसलिए 9 दिन का ब्रेक…
कांग्रेस महासचिव ने जयराम रमेश ने ट्वीट कर बताया कि भारत जोड़ो यात्रा 24 दिसंबर को दिल्ली पहुंचेगी, उसके बाद 9 दिन का ब्रेक होगा, ताकि कंटेनरों को मरम्मत करके उत्तर में पड़ने वाली कठोर सर्दी के लिए तैयार किया जा सके. साथ ही कई भारत यात्री लगभग 4 महीने बाद अपने परिवार के साथ समय बिता सकें. 3 जनवरी 2023 को यात्रा फिर शुरू होगी. पार्टी का लक्ष्य 150 दिनों में 12 राज्यों का सफर तय कर पैदल 3570 किलोमीटर की दूरी तय करना है.
राहुल ने इन नेताओं को भेजा न्योता
सपा प्रमुख अखिलेश यादव, बसपा अध्यक्ष मायावती, आरएलडी के प्रमुख जयंत चौधरी, सुभासपा के चीफ ओम प्रकाश राजभर, आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद समेत अन्य तमाम विपक्षी दलों के नेताओं को निमंत्रण पत्र भेजा गया है.
क्यों निकाली जा रही है भारत जोड़ो यात्रा?
कांग्रेस के मुताबिक, ये यात्रा केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ जन जागरण का अभियान है. पार्टी का कहना है कि यह यात्रा बड़े पैमाने पर बेरोजगारी, महंगाई, नफरत, विभाजन की राजनीति और राजनीतिक व्यवस्था के अति-केंद्रीकरण के विरुद्ध जन-जागरण का काम कर रही है. आज हमारे देश को विभाजित करने वाले आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों के खिलाफ आवाज उठाने के लिए लाखों लोग इस आंदोलन में शामिल हुए हैं.