पीएम मोदी ने क्रिसमस के मौके पर संबोधन कर देशवासियों को बड़ा तोहफा दिया है. दरअसल पीएम ने कल ऐलान किया कि 3 जनवरी, 2022 से 15 से 18 साल के बच्चों को कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) का डोज देना शुरू कर दिया जाएगा. इसके साथ ही देश में अब कोरोना वैक्सीन की तीसरी डोज भी लगेगी. कोरोना के बढ़ते मामले और ओमिक्रोन संक्रमण के तेज रफ्तार को देखते हुए दुनियाभर के देशों में वैक्सीनेशन कार्यक्रमों (Vaccinetion Programme) का विस्तार किया जा रहा है. दुनियाभर के कई देशों ने अपने वैक्सीनेशन प्रोग्राम के अंदर छोटे बच्चों को शामिल किया है. इन देशों में अब भारत का नाम भी शामिल हो जाएगा.
कईं देश कर रहे हैं बच्चों को वैक्सीनेट
बता दें कि इक्वाडोर ( Ecuador) ओमिक्रॉन संस्करण के आने के बाद पांच साल से कम उम्र के बच्चों के लिए टीकों को अनिवार्य बनाने वाला पहला देश बन गया है. इसके अलावा कई देश बच्चों को वैक्सीनेट कर रहे हैं. इटली ने 1 दिसंबर को 5-11 साल के बच्चों के लिए टीकाकरण को मंजूरी दी है. फ्रांसीसी अधिकारियों ने बुधवार को कहा कि वे 5 से 11 साल के सभी बच्चों को कोरोना वैक्सीन दे रहे हैं ताकि इस लड़ाई में हमारी जीत हो. इटली में 12-19 साल तक के 72 प्रतिशत बच्चों को वैक्सीन की पहली डोज लग चुकी है.
अमेरिका में 5 से 11 वर्ष की आयु के बच्चों को 2 नवंबर को कोविड -19 टीके लगाने की सिफारिश की गई थी. कनाडा ने 19 नवंबर को पांच से 11 साल के बच्चों के लिए फाइजर शॉट को अधिकृत किया गया था. हंगरी ने मई के मध्य में 16 से 18 साल के बच्चों का वैक्सीनेशन शुरू कर दिया था. ब्रिटेन की वैक्सीन कमेटी ने 12 से 15 साल के बच्चों को दूसरी खुराक देने की सिफारिश की है. अगस्त में किशोरों के लिए शॉट्स को मंजूरी देने के बाद, जर्मनी 2022 की शुरुआत से 12 साल से कम उम्र के बच्चों को वैक्सीन देने की पेशकश करेगा.
एस्टोनिया, डेनमार्क, ग्रीस, आयरलैंड, इटली, लिथुआनिया, स्पेन, स्वीडन और फिनलैंड 12 साल और उससे ज्यादा उम्र के बच्चों को वैक्सीन देने की पेशकश कर रहे हैं. 28 नवंबर के सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, 12 से 17 साल के डच बच्चों में से करीब 63 फीसदी को पूरी तरह से टीका लगाया जा चुका है. स्विट्जरलैंड ने जून में फाइजर शॉट के साथ 12 से 15 साल के बच्चों को टीका लगाने की मंजूरी दी फ्रांस में 12 से 17 साल तक की उम्र के लगभग एक-तिहाई बच्चों को अब तक एक डोज लग चुकी. जर्मनी में 12 से 17 साल तक के 47 प्रतिशत बच्चों को पहली डोज लग चुकी है. चीन का दावा है कि उसने 3 से 17 साल तक के बच्चों को बायोटेक की वैक्सीन के 10 करोड़ टीके लगवा दिए हैं.