Raksha Bandhan 2020 shubh Muhurat: सोमवार यानि 3 अगस्त 2020 को भाई-बहन के प्रेम का त्योहार मनाया जाएगा. रक्षाबंधन का त्योहार सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी मनाया जाता है. हर साल इस त्योहार की बाजारों में धूम रहती है लेकिन इस बार कोरोना महामारी के कारण त्योहार का रंग फीका-सा है. कुछ बहनें इस बार अपने भाईयों को रक्षासूत्र नहीं बांध पाएंगी. ऐसे में हम तो आपसे कहेंगे कि, निराश होने से अच्छा है आप इस त्योहार को वीडियो कॉल, ऑडियो कॉल के माध्यम से मनाएं और लंबी उम्र की कामना करें. श्रावण माह की पूर्णिमा पर मनाया जाने वाले राखी के त्योहार के दिन इस बार श्रावण नक्षत्र भी पड़ रहा है जिसे ज्योतिषी जानकार खास संयोग मानते हैं. तो चलिए जानते हैं इस राखी के शुभ-मुहूर्त और खास संयोग के बारे में.
सावन माह की शुरुआत सोमवार से हुई थी और अब समाप्ति भी सोमवार 3 अगस्त को हो रही है. इस दिन रक्षाबंधन भी है. ज्योतिषियों के मुताबिक,इस बार पूरे 29 सालों के बाद महासंयोग है और भद्रा के साथ ग्रहण की छाया भी भाई-बहन के त्योहार पर नहीं पड़ेगी.
1991 में बना था ऐसा संयोग
ज्योतिषियों का कहना है कि, इस तरह का संयोग साल 1991 में बना था और उस समय भी सर्वार्थ सिद्धि और दीर्घायु आयुष्मान योग के साथ ही सूर्य शनि के समसप्तक योग, सोमवती पूर्णिमा,मकर का चंद्रमा श्रवण नक्षत्र, उत्तराषाढ़ा नक्षत्र और प्रीति योग का संयोग था. इस वजह से राखी का त्योहार कई मायनों में बेहद खास और फलदायी रहेगा.
भद्राकाल समय
ऐसी मान्यता है कि, भद्राकाल में राखी नहीं बांधने से अशुभ होता है. इस बार 2 अगस्त की रात 8 बजकर 43 मिनट से 3 अगस्त को सुबह 9 बजकर 28 मिनट तक भद्राकाल रहेगा.और शाम 7 बजकर 49 मिनट से दीर्घायु कारक आयुष्मान योग भी लग जाएगा.
राखी का शुभ मुहूर्त
चूंकि, भद्रा काल 3 अगस्त की सुबह 09 बजकर 28 मिनट पर समाप्त हो जाएगा. इसलिए सारी बहनें अपने-अपने भाईयों को पूरे दिन राखी बांध सकती हैं.पर राखी का पहला शुभ-मुहूर्त दोपहर 01 बजकर 48 मिनट से शुरू होकर शाम 04 बजकर 29 मिनट तक है और दूसरा शुभ मुहूर्त शाम 07 बजकर 10 मिनट से 09 बजकर 17 मिनट तक रहेगा.