एक तरफ जहां कथित शराब घोटाले को लेकर आम आदमी पार्टी (आप) के दूसरे सबसे बड़े नेता मनीष सिसोदिया सीबीआई जांच का सामना कर रहे हैं तो वहीं पार्टी उनके बचाव में कई तरह के तर्क पेश कर रही है। एक तर्क यह भी कि अरविंद केजरीवाल की बढ़ती लोकप्रियता की वजह से मोदी सरकार ने सिसोदिया के घर पर छापेमारी कराई है। इसके साथ ही केजरीवाल को 2024 चुनाव में प्रधानमंत्री पद के लिए दावेदार भी घोषित कर दिया है। ‘आप’ का कहना है कि मोदी वर्सेज हू का जवाब मिल गया है और अगला लोकसभा चुनाव मोदी बनाम केजरीवाल होने जा रहा है।
करीब एक दशक पुरानी पार्टी ‘आप’ अब तक दो लोकसभा चुनाव में लड़ चुकी है। 2014 में पार्टी ने पंजाब में 4 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल की थी। हालांकि, दिल्ली में पार्टी जहां सभी सात सीटों पर हार गई थी तो वाराणसी में पीएम मोदी को चुनौती देने उतरे केजरीवाल को भी निराशा हाथ लगी थी। इसके बाद 2019 का लोकसभा चुनाव पार्टी के लिए और अधिक निराशाजनक रहा। पार्टी इस बार केवल पंजाब में संगरूर सीट पर जीत हासिल कर पाई। हालांकि, भगवंत मान के सीएम बनने के बाद हुए उपचुनाव में पार्टी यह सीट हार गई और अब लोकसभा में उसका कोई सांसद नहीं है।
0 से 272 तक पहुंचने का टारगेट
‘आप’ ने लोकसभा में अपनी गैरमौजूदगी के बावजूद अगले लोकसभा चुनाव में बहुमत हासिल करने का दावा किया है। दिल्ली के बाद पंजाब में प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बनाने वाली पार्टी गुजरात और हिमचाल में भी पूरा दमखम लगा रही है। अगले दो साल में पार्टी कुछ और राज्यों में चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। इसके साथ ही कम से कम 9 राज्यों में संगठन को मजबूत किया जा रहा है। पार्टी को उम्मीद है कि जनता उसे कांग्रेस और भाजपा के विकल्प के रूप में स्वीकार करेगी।
इस सर्वे में केजरीवाल के लिए उत्साहजनक परिणाम
करीब एक महीने पहले ही इंडिया टीवी ने ‘वॉइस ऑफ द नेशन’ नाम से सर्वे किया था। सर्वे के नतीजों के आधार पर कहा गया था कि यदि देश में अभी चुनाव होते हैं तो एनडीए एक बार फिर 362 सीटों पर जीत हासिल कर सकती है। यूपीए को 97 और अन्य को 84 सीटों पर जीत मिल सकती है। हालांकि, इसी सर्वे में जब लोगों से पूछा गया कि वह मोदी का सबसे मजबूत राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी किसे मानते हैं तो 23 पर्सेंट लोगों ने राहुल गांधी का नाम लिया। वहीं, दूसरे नंबर पर केजरीवाल ही रहे, जिन्हें 19 फीसदी लोगों ने मोदी के सामने सबसे मजबूत माना। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी और हाल ही में एनडीए का साथ छोड़ने वाले नीतीश कुमार से आगे हैं। ममता को 11 और नीतीश को 8 फीसदी लोगों ने सबसे मजबूत माना। वहीं, सोनिया गांधी को भी 8 फीसदी लोगों ने सबसे मजबूत प्रतिद्वंद्वी माना।