दुनिया के अन्य देशों के साथ-साथ भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian economy) को भी साल 2023 में हल्की मंदी (Mild recession in the year 2023) का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि, फिर भी अन्य देशों के मुताबिक भारत की अर्थव्यवस्था सबसे बेहतर स्थिति में रहेगी। दरअसल, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) (International Monetary Fund (IMF)) ने मंगलवार को बताया कि वित्त वर्ष 2023 के दौरान विकास दर 6.8 प्रतिशत से घटकर 6.1 प्रतिशत रहने का अनुमान है। आईएमएफ की ताजा सूची देखी जाए तो इसमें भारत अन्य देशों की तुलना में अभी भी सबसे आगे है।
वैश्विक विकास दर गिरने का अनुमान
इसके अलावा आईएमएफ की वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक के मुताबिक वैश्विक विकास दर 2022 में अनुमानित 3.4 प्रतिशत से गिरकर 2023 में 2.9 प्रतिशत होने का अनुमान है, फिर 2024 में बढ़कर 3.1 प्रतिशत हो जाएगा। अमेरिका का विकास दर जहां 2023 में 1.4 फीसदी रहने की उम्मीद है तो वहीं ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था माइनस 0.6 रहने की उम्मीद है।
जानें आईएमएफ ने भारत को लेकर क्या कहा?
आईएमएफ ने बताया कि अक्तूबर 2022 से 31 मार्च 2023 तक के लिए हमने भारत के विकास दर का अनुमान 6.8 प्रतिशत लगाया था लेकिन इसके बाद 2023 के चालू वित्त वर्ष में यह घटकर 6.1 फीसदी होने की उम्मीद है। आईएमएफ के अनुसंधान विभाग के मुख्य अर्थशास्त्री और निदेशक पियरे-ओलिवियर गौरिनचास ने इसकी जानकारी दी।
आईएमएफ ने एशिया की भी रिपोर्ट जारी की
आईएमएफ की रिपोर्ट के अनुसार, उभरते और विकासशील एशिया में वृद्धि 2023 और 2024 में क्रमशः 5.3 प्रतिशत और 5.2 प्रतिशत तक बढ़ने की उम्मीद है। हालांकि, 2022 में चीन का विकास दर घटकर 4.3 प्रतिशत हो गई थी।
2023 में चीन की विकास दर सुधरने की उम्मीद
वहीं आईएमएफ ने साल 2023 में चीन की विकास दर बढ़ने की उम्मीद जताई है। आईएमएफ के मुताबिक साल 2023 में चीन की विकास दर बढ़कर 5.2 फीसदी रहने की उम्मीद है जो कि गतिशीलता में तेजी से सुधार को दर्शाता है। हालांकि, 2024 में एक बार फिर 4.5 प्रतिशत तक गिरने का अनुमान है। वहीं इससे पहले साल 2022 की चौथी तिमाही में चीन की वास्तविक जीडीपी को झटका लगा था जब यह गिरकर तीन फीसदी पर पहुंच गई थी।