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200 किलोमीटर दौड़ते हुए प्रयागराज से लखनऊ पहुंचकर सीएम योगी से मिली धाविका काजल, बताई ये वजह

अभी हाली में एक लड़की का विडियो बहुत वायरल हो रहा है जिसमें वह 200 किलोमीटर दौड़ते हुए प्रयागराज से लखनऊ आकर सीएम योगी से मिलती है. एक कहावत है कि “मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है, पंख से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है” ये पंक्तियां प्रयागराज की काजल निषाद पर सटीक बैठती हैं. आपको बता दें कि काजल एक धावक हैं, जिनकी उम्र सिर्फ 10 वर्ष है और उस लड़की ने प्रयागराज से लखनऊ का सफर दौड़ कर पूरा किया है.

सीएम योगी से काजल निषाद ने की मुलाक़ात

छोटी सी उम्र से ही काजल बड़ी-बड़ी प्रतियोगिताओं में हिस्सा ले रही हैं. हालांकि, इंदिरा मैराथन में उनको प्रोत्साहित ना किए जाने से वह आहत हैं, जिसको लेकर सीएम योगी से मिलने वह पैदल ही लखनऊ पहुंच चुकी हैं. अभी सीएम योगी ने उनसे मुलाकत की और उनके इस हौसले को काफी सराहा है, साथ ही बिटिया के उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं भी दी है. दरअसल, काजल सीएम योगी से मिलकर अपनी पीड़ा बताना चाहती थी. उसका कहना है कि उसने मैराथन में कई उपलब्धियां हासिल की हैं लेकिन अब तक उसे उचित सम्मान नहीं मिला है.

सीएम योगी ने काजल निषाद से की मुलाकत और उनके इस हौसले को काफी सराहा है, साथ ही बिटिया के उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं भी दी है.

क्या हैं उपलब्धियां

इससे पहले भी काजल कई बार ऐसी लम्बी दौड़ लगा चुकी है उन्होंने एक बार प्रयागराज से इंडिया गेट तक 720 किलोमीटर की दूरी तय की थी, और साथ ही बीते साल अखिल भारतीय इंदिरा मैराथन 42 किलोमीटर 4 घंटे 22 मिनट 25 सेकेंड में पूरी कर चुकी है. ये नन्हीं धाविका पहले भी दो बड़ी उपलब्धि अपने नाम करने चुकी है जिसका उन्हें उचित सम्मान नहीं मिला था. इसी सम्मान को पाने के लिए झुलसाने वाली गर्मी और आग जैसी तपती सड़क पर सीएम से मिलने निकल पड़ी है.

काजल का क्या कहना है

काजल का कहना है कि योगी जी का नारा है बेटी पढ़ाओ और बेटी बचाओ लेकिन बेटियों को उचित सम्मान नहीं देते हैं इसी वजह से हम सीएम योगी से मुलाकात करने के लिए दौड़ते हुए जा रहे हैं.

प्रयागराज से लखनऊ दौड़ती हुई काजल निषाद

कोच ने क्या कहा

कोच रजनीकांत का कहना है कि बच्ची को उचित सम्मान नहीं मिला इसलिए मुख्यमंत्री से मिलाने के लिए ले जा रहे हैं. इसके सम्मान के लिए कई बार प्रयागराज के खेल विभाग में शिकायत की लेकिन कुछ नहीं हुआ. एक बार स्टेज पर खेल सचिव पीके श्रीवास्तव से मिलने गए तो पुलिस वालों ने रोक लिया गया था.